[Hindi] मध्य प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (17-23 जुलाई, 2020), फसल सलाह

July 17, 2020 3:08 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 17 से 23 जुलाई जून के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।

मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में अब तक मॉनसून का प्रदर्शन अच्छा रहा है। ज़्यादातर जगहों पर सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश देखने को मिली है। पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से 20% अधिक जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 9% पर अधिक वर्षा हुई है।

17 जून को भी मध्य प्रदेश के दक्षिणी जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां जारी रहेंगी। 18 जुलाई से लगभग पूरे सप्ताह मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में अच्छी वर्षा जारी रहेगी। एक-दो स्थानों पर अच्छी वर्षा भी उस दौरान संभव है। वर्षा की गतिविधियां ग्वालियर तथा उसके आसपास के जिलों समेत उत्तरी और पूर्वी मध्य प्रदेश में ज़्यादा हो सकती हैं।

मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में अब तक अच्छी वर्षा हो रही थी। इस सप्ताह धार, इंदौर, रतलाम खंडवा तथा खरगोन समेत दक्षिण-पश्चिमी इलाकों में हल्की वर्षा की संभावना है।

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

असामान्य बारिश या अन्य कारणों से अगर आपकी फसल खराब हो गई है या बिजाई नहीं हो पाई हो तो उन खेतों में साफ मौसम होने पर उचित नमी में कम अवधि वाली लोबिया (एवं चारे की फसलें लगाई जा सकती है।

लोबिया की अच्छी किस्में हैं: दाने एवं सब्जी के लिए

आर.सी 101, पूसा सुकोमल, पूसा कोमल, पूसा ऋतु-राज, अर्का समृद्धि, अर्का गरिमा, पूसा बासमती

चारे के लिए: बुंदेल लोबिया-1 और देशी किस्में लगा सकते हैं।

लोबिया के अलावा हरे चारे के लिए मक्का की जवाहर मक्का 1006, गंगा-11, गंगा-7, अफ्रीकन टॉल तथा बाजरा देशी व नेपियर हाइब्रिड बाजरा और ग्वार की एच.एफ़.जी-258 एवं देशी किस्में लगाई जा सकती है।

मक्के की फसल में खरपतवार नियंत्रण हेतु 15-20 दिन की अवस्था पर निराई-गुड़ाई करें या साफ होने पर शाक-नाशी टेम्बोट्रीयान 34% एस.सी. 300 मि.ली. प्रति हेक्टर की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।

संभावित मौसम में सोयाबीन की फसल में पत्ती खाने वाली इल्ली जैसे कीटों का प्रकोप हो सकता है। इल्लियों के नियंत्रण हेतु अनुकूल मौसम में वाइरस आधारित जैविक कीट-नाशक एस.एल.एन.पी.वी. 250 एल.ई. छिड़काव किया जा सकता है। कीटों का प्रकोप अधिक होने पर मौसम साफ होते ही क्लोरेंटरानिलिप्रोल 18.5% एस.सी. 150 मि.ली. प्रति हेक्टर 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।

Image credit: The Hindu Business Line

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