आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 10 से 16 जुलाई जून के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
1 जून से 9 जुलाई के बीच पूर्वी तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। पश्चिमी मध्य प्रदेश को सामान्य से 41% अधिक तथा पूर्वी मध्य प्रदेश को सामान्य से 25% अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
पिछले 24 घंटों के दौरान सीधी, उमरिया, सिवनी, मलाणजखंड, जबलपुर, दतिया तथा इंदौर आदि जिलों में अच्छी बारिश देखने को मिली है। अगले 2 दिनों के दौरान वर्षा की गतिविधियां उत्तर पूर्वी जिलों में अधिक रहेंगी। पूर्वी जिलों में अच्छी वर्षा की जारी रह सकती है।
14 जुलाई से 16 जुलाई के बीच, मध्य प्रदेश के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं। इस दौरान एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा भी देखने को मिल सकती है। इस सप्ताह अच्छी बारिश के चलते हम उम्मीद्द कर सकते हैं कि मध्य प्रदेश में वर्षा के आंकड़ों में वृद्धि होगी।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
सोयाबीन की 10-12 दिन की फसल में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण हेतु 36 ग्राम क्लोरीम्यूरॉन इथाइल 25 डबल्यू.पी. शाकनाशी 2 लीटर प्रति हेक्टर की दर से प्रयोग करें। 15-20 दिन की फसल में संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण हेतु 1 लीटर/हेक्टर फेनाक्सीफाँप-पी इथाइल 9 ई.सी. 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
बारिश के पानी पर निर्भर क्षेत्रों में तिल और ग्वार की बुआई अंतर्वर्तीय फसलों के रूप में भी लगा सकते हैं। इन फसलों की बुआई का उपयुक्त समय जुलाई का पहला पखवाड़ा होता है। तिल की उन्नतशील किस्में आप नोट कर सकते हैं:
जवाहर तिल 14, जवाहर तिल 12, टीकेजी-308, टीएमवी-7, राजस्थान तिल-346,
गुजरात तिल-3, सावित्री, हिमा, टी.के.जी-306 आदि।
प्रति हेक्टर 3-5 कि.ग्रा. बीज पर्याप्त होगा। कतारों के बीच की दूरी 30 से.मी. और पौधो के बीच की दूरी 10 से.मी. रखें।
ग्वार की दाने एवं गम (गोंद) हेतु उनात किस्में भी आप नोट कर सकते हैं:
एच.जी-365, एच.जी-563, आर.जी.सी-1003, एच.जी 2-20
सब्जी के लिए किस्में हैं:
दुर्गा बहार, पूसा नव-बहार, पूसा मौसमी और चारे के लिए एच.एफ़.जी-119, एच.एफ़.जी-156, एच.एफ़.जी-258 जैसी किस्में चुनें।
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