आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 8 से 14 जनवरी के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
मध्य प्रदेश के कुछ भागों में नया साल मौसम में बदलाव लेकर आना और 1 जनवरी से 7 जनवरी के बीच पश्चिमी मध्य प्रदेश के कई जिलों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिली इसके परिणाम स्वरुप यह पश्चिमी मध्य प्रदेश में इस अवधि में सामान्य से 81% अधिक वर्षा दर्ज की गई। परंतु पूर्वी मध्य प्रदेश में मौसम लगभग शुष्क ही बना रहा है इसलिए यहाँ सामान्य से 89% कम वर्षा हुई है।
अगले 24 घंटों के दौरान यानी 8 जनवरी को भी भी मध्य प्रदेश के पश्चिमी जिलों में एक बार फिर हल्की बारिश हो सकती है। खरगोन, इंदौर, भोपाल, उज्जैन, देवास, मंदसौर, धार, रतलाम और आसपास के ज़िले मुख्यतः प्रभावित हो सकते हैं। उसके बाद पूरे सप्ताह मध्य प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। जबलपुर, मांडला, बालाघाट समेत पूर्वी मध्य प्रदेश में मौसम मुख्यतः शुष्क ही रहेगा।
इस समय मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी ऊपर चल रहे हैं। न्यूनतम तापमान में गिरावट 11 या 12 जनवरी से देखने को मिलेगी उस समय 2 या 3 डिग्री की गिरावट होगी। हालांकि तापमान में गिरावट के बावजूद अब मध्य प्रदेश के किसी भी भाग में शीतलहर आने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है। 2 दिनों के बाद दिन में तेज धूप रहेगी। परंतु सर्दी का एहसास सर्द हवाओं के कारण बना रहेगा।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
वर्षा के पूर्वानुमान को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि फसलों में सिंचाई और छिड़कावों को अभी रोक दें। गेहूँ की सिंचित फसल में भरपूर उपज हेतु सही क्रांतिक अवस्था पर पानी देना लाभप्रद है, वर्षा हो जाने के बाद मिट्टी की नमी के अनुसार ही सिंचाई दें।
पश्चिमी जिलों में बादल छाए रहने और कुछ इलाकों में पिछले दिनों हुई बारिश तथा 8-9 जनवरी को बारिश की संभावना को देखते हुए सुझाव है कि फसलों में कीट व्याधि प्रकोप की निगरानी करते रहें। आर्थिक क्षति के आधार पर प्रबंधन हेतु आवशयक उपाय करें।
देर से बोई गई फसलों में खर-पतवार नियंत्रण हेतु मेट्रीब्यूज़िन 70 डबल्यू.पी. 200 ग्राम मटर में (15-20 दिन पर), गेहूँ में (30-35 दिन पर) तथा आलू, टमाटर, बैंगन, मिर्ची में 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर (15 दिन पर) 500 लीटर पानी की दर से घोलकर फ़्लड जेट नोजल स्प्रेयर से छिड़काव करें।
चने की फसल में यदि फली छेदक कीटों का प्रकोप हो तो 1500 मिली. प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. 600-700 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर साफ मौसम में छिड़कें।
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