आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 29 जनवरी से 4 फरवरी के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में लंबे समय से जारी शुष्क मौसम के बीच 28 जनवरी को मध्य प्रदेश के दक्षिण पूर्वी जिलों में बेमौसम बरसात देखने को मिलीं। छिंदवाड़ा, सिवनी, मलंजखंड तथा उसके आसपास के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।
बारिश के लिए बना मौसम अब बदल गया है और 29 जनवरी से लेकर 4 फरवरी के बीच यानि इस एक सप्ताह की अवधि में आज मध्य प्रदेश का मौसम एक बार फिर शुष्क हो जाएगा। जबलपुर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, सागर, सतना, पन्ना, रीवा, छतरपुर, ग्वालियर समेत सभी शहरों में 3 फरवरी तक मौसम साफ रहने के आसार हैं।
हालांकि 4 फरवरी से राज्य के मध्य भागों में मौसम में बदलाव की संभावना है। ग्वालियर से लेकर विदिशा, सागर, भोपाल, रायसेन, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, बेतुल, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, पन्ना और आसपास के इलाकों में 4 फरवरी से बादल छाने और गर्जना के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है। बारिश का क्रम अगले हफ्ते के शुरुआती दिनों में भी बना रहेगा।
फिलहाल मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में दिन और रात के तापमान में हल्की वृद्धि जारी रहेगी जिससे दिन धूप में दिन सुहावना बना रहेगा। जबकि रात में सर्दी कम से कम इस सप्ताह जारी रहेगी।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
इस सप्ताह भी मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में शुष्क मौसम रहेगा। किसानों को सुझाव है कि रबी फसलों में उचित नमी बनाए रखें और फूल निकलने तथा फल बनने की अवस्था वाली फसलों में कीट या रोग संक्रमण की निगरानी करते रहें।
ग्रीष्म-कालीन सब्जियों व फसलों को उचित समय पर लगाने हेतु उनके बीजों को प्लास्टिक ट्रे या थैलियों में अभी लगाकर पोली/ग्रीन हाउस/उपयुक्त स्थान पर रखने से अंकुरण शीघ्र होगा।
आलू, दलहनी-तिलहनी फसलों में रोग-कीट खरपतवार आदि व्याधियों तथा गेहूँ में चूहों, दीमक आदि के प्रकोप की सतत निगरानी करते रहें तथा उनके प्रकोप अनुसार प्रबंधन के आवश्यकतामूलक उपचार अपनाएं।
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