आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 15 से 21 जनवरी के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
इस साल जनवरी महीने में मध्य प्रदेश के पश्चिमी जिलों में कई दिन रुक-रुक कर हुई बारिश के परिणाम स्वरूप पश्चिमी मध्य प्रदेश में बारिश का आंकड़ा सामान्य से 44% ऊपर है। जबकि दूसरी तरफ पूर्व मध्य प्रदेश लगभग शुष्क बना रहा। इसलिए यहाँ बारिश सामान्य से 93% कम के स्तर पर है।
12 जनवरी तक मध्य प्रदेश में न्यूनतम तथा अधिकतम तापमान सामान्य से काफी अधिक बने हुए थे। उसके बाद 13 से 15 जनवरी के बीच रात और दिन के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। इसके परिणाम स्वरूप कुछ स्थानों पर शीतलहर जैसी स्थिति बनी हुई है। कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से 4 या 5 डिग्री तक नीचे आ गए हैं।
इस सप्ताह मध्य प्रदेश के लगभग सभी भागों में मौसम साफ और शुष्क बना रहेगा यानि बारिश की संभावना बिल्कुल भी नहीं है। परंतु तापमान सामान्य से नीचे ही बने रहेंगे तथा अधिकांश जिलों में कड़ाके की सर्दी जारी रहेगी। दिन के समय धूप निकलेगी तथा दिन आरामदायक ही बना रहेगा। ग्वालियर संभाग में कुछ स्थानों पर मध्यम से घना कोहरा भी छाया रह सकता है।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
गेहूं, सरसों, मटर समेत अन्य रबी फसलें भी ऐसे चरण में हैं जब बारिश और तेज़ हवाओं के साथ बारिश जैसी स्थितियाँ बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकती हैं। राहत की बात है कि फिलहाल मौसम किसी तरह से खेल नहीं बिगाड़ रहा है।
चने की फसल में फूल निकल चुके हैं और फली बनने लगी है। ऐसे में फसल में फली-छेदक इल्लियों के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है। यदि एक मीटर चने की कतार में इल्ली दिखें तो इसके नियंत्रण के लिए साफ मौसम में 12.5 लीटर नीम तेल या 220 ग्रा. इमामेकटिन बेंज़ोएट 5% एस.जी. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
आर्द्रता बढ़ने के कारण आलू और टमाटर की फसल में ब्लाइट की समस्या बढ़ सकती है। इसके लक्षण दिखाई देने पर साफ मौसम में कार्बेनड़ाजिम 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
Image credit: Gardening
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