आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 5 से 11 फरवरी के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
पश्चिमी मध्य प्रदेश में 1 जनवरी से 4 फरवरी के बीच सामान्य से 36% कम तथा पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 92% कम वर्षा प्राप्त हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश की बारिश का अनुपात 18.3 मिलीमीटर है जबकि उसको अभी तक केवल 1.5 मिलीमीटर वर्षा प्राप्त हुई है।
4 और 5 फरवरी के बीच मध्य प्रदेश के उत्तरी जिलों गुना, दतिया, ग्वालियर और उसके आसपास के इलाकों में में हल्की वर्षा दर्ज की गई। 5 फरवरी की शाम और रात को भी मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी जिलों में छिटपुट वर्षा होने की संभावना है।
6 फरवरी से सम्पूर्ण मध्य प्रदेश में मौसम एक बार फिर शुष्क हो जाएगा और भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, दतिया, होशंगाबाद, समेत लगभग सभी भागों में मौसम साफ एवं शुष्क रहेगा।
उत्तर भारत में मौसम साफ होने के बाद ग्वालियर समेत मध्य प्रदेश के उत्तर और पश्चिमी जिलों में उत्तर दिशा से बर्फीली हवाएं चलनी शुरू हो गई हैं जिसके परिणाम स्वरूप न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हुई है। उत्तर दिशा से ठंडी और शुष्क हवाएं अब अगले कुछ दिनों तक चलती रहेंगी जिसके कारण मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में दिन और रात के तापमान में कुछ और गिरावट दर्ज की जा सकती है। सर्दी के मौसम की विदाई से पहले शीतलहर मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों पर अपना असर दिखा सकती है।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
जिन भागों में वर्षा का अनुमान है वहाँ हमारी सलाह है कि सिंचाई और छिड़काव अभी स्थगित करें। मौसम साफ होने के बाद किसान बंधु ग्रीष्म कालीन मूँग, मूँगफली, मक्का, सब्जियों एवं चारा वाली फसलें लगाने के लिए खेतों को तैयार करें।
ग्रीष्म-कालीन सब्जियों और फलों को उचित समय पर लगाने हेतु उनके बीजो को प्लास्टिक ट्रे या थैलियों में अभी लगाकर पोली/ग्रीन हाउस/उपयुक्त स्थान पर रखने से अंकुरण शीघ्र होगा।
आलू, दलहनी-तिलहनी फसलों में रोग-कीट खरपतवार आदि व्याधियों तथा गेहूँ में चूहों, दीमक आदि के प्रकोप की सतत निगरानी करते रहें तथा उनके प्रकोप अनुसार प्रबंधन के आवश्यक उपाय करें।
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