आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 19 से 25 फरवरी के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
पिछले सप्ताह यानि 12 से 18 फरवरी के बीच मध्य प्रदेश के कई जिलों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं। इस दौरान खंडवा, छिंदवाड़ा तथा सतना सहित पूर्वी तथा दक्षिणी जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई है।
वर्षा की यह गतिविधियां मध्य प्रदेश के दक्षिण तथा पूर्वी जिलों में 19-20 फरवरी तक जारी रहेंगी उसके बाद वर्षा समाप्त हो जाएगी तथा मौसम साफ हो जाएगा। 21 फरवरी से 25 फरवरी के बीच मध्य प्रदेश के लगभग सभी भागों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
इस समय मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ परंतु पूर्वी जिलों में अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास या सामान से कुछ कम है। वर्षा की गतिविधियां समाप्त होने के बाद दिन और रात के तापमान में कुछ और वृद्धि हो सकती है।
मध्य प्रदेश में 1 जनवरी से 19 फरवरी के बीच औसत से 53% कम वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 43% कम महज़ 6.4 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि इसी दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से कम 58% कम 12.5 मिमी बारिश हुई है।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
जिन इलाकों में वर्षा की संभावना है वहाँ सिंचाई व किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें। मौसम साफ होने पर खेतों को आगामी फसलों के लिए तैयार करें।
ग्रीष्म कालीन मूंग की फसल हेतु खाली हुए खेतों में 8-10 से.मी. गहरा पलेवा करें और जब सूख जाए तब 2-3 बार जुताई कर अच्छी तरह पाटा चलाकर खेत को समतल करें। खेत में 15-20 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 40-50 कि.ग्रा. फोस्फोरस, 20 कि.ग्रा. पोटाश और 20 कि.ग्रा. सल्फर प्रति हेक्टर आधार खाद के रूप में 5-7 से.मी. गहरा ड्रिल करें।
आलू की फसल में अर्ली एवं लेट ब्लाइट की रोकथाम हेतु प्रोपाइनेब 70% डबल्यू.पी. 3 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव मौसम साफ हो जाने पर करें।
प्याज़ की फसल में पर्पल ब्लोच और मिर्च में फल सड़न एवं पाउडरी मिलड्यू रोगों की रोकथाम हेतु एजोंक्सीस्ट्रोविन 11% + टेबुकोनाजोल 18.3% एस.सी. 600-750 मिली 500 लीटर पानी में (मिलाकर आवशयकतानुसार) 1 या 2 बार छिड़कें।
ग्रीष्म कालीन सब्जियों के लिए उन्नत व शुद्ध बीजों की व्यवस्था करें। तोरई के लिए पूसा नसदार या सुरेखा, लौकी के लिए अर्का बहार या पूसा हाइब्रिड-2, लोबिया के लिए अर्का गरिमा या पूसा कोमल तथा ग्वार-फली के लिए पूसा नवबहार या पूसा सदाबहार आदि का चुनाव किया जा सकता है।
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