[Hindi] मध्य प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (12 से 18 फरवरी, 2021), फसल सलाह

February 12, 2021 2:25 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 12 से 18 फरवरी के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।

इस बार जनवरी के महीने में मध्य प्रदेश में बरसात मिली ज़रूर लेकिन फरवरी में अब तक राज्य में बारिश नहीं हुई है और मौसम लगभग शुष्क ही बना हुआ है। 1 जनवरी से 11 फरवरी के बीच पश्चिमी मध्य प्रदेश में जितनी बारिश औसतन होती है उससे 52% कम तथा पूर्व मध्य प्रदेश में सामान्य से 93% कम वर्षा हुई है।

पिछले कई दिनों से मध्य प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहा है। इस समय मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में दिन के तापमान सामान्य से अधिक बने हुए हैं तथा रात के तापमान भी सामान्य के आसपास हैं।

इस सप्ताह सूखे का यह सिलसिला ख़त्म होने वाला है। इस सप्ताह बारिश के लिए मौसम अनुकूल बन रहा है। हमारा अनुमान है कि 16 से 18 फरवरी के बीच मध्य प्रदेश के पूर्वी और दक्षिण पूर्वी जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिल सकती है। 18 और 19 फरवरी को यह वर्षा की गतिविधियां दक्षिणी पश्चिमी मध्य प्रदेश की ओर आ जाएंगी।

फरवरी के महीने में आमतौर पर मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियां काफी कम होती हैं। इस बारिश को हम बेमौसम बरसात मान सकते हैं लेकिन इससे जनवरी से लेकर अब तक बारिश में जो कमी रह गई है उसमें सुधार आ सकता है। मध्य प्रदेश में प्री-मॉनसून वर्षा मार्च के महीने में शुरू होती है जब दिन में तापमान बहुत अधिक बढ़ जाते हैं। इस बेमौसम वर्षा के साथ-साथ मध्य प्रदेश के दक्षिणी पूर्वी जिलों में हो सकता है एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो जाए।

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

जिन भागों में बारिश होने की संभावना है वहाँ किसानों को सुझाव है कि खड़ी फसलों व सब्जियों में सिंचाई देना फिलहाल बंद कर दें। 

वर्तमान मौसम में सरसों, मसूर, धनिया, आलू, गोभी-वर्गीय सब्जियों एवं अन्य फसलों में माहू (चेंपा) कीट के प्रकोप में वृद्धि की संभावना है। इसके नियंत्रण के लिए मौसम साफ होने पर 1 लीटर डाइमेथोएट 30 ई.सी. प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी में घोलकर दोपहर बाद स्प्रे करें। आवश्यकतानुसार 10-12 दिन बाद छिड़काव दोहराएँ।

वसंत कालीन गन्ने की बोनी के लिए शीघ्र अवधि की सी.ओ.पंत-99226, सी.ओ-87010, सी.ओ.जे.एन. 86-141 एवं मध्यम अवधि की सी.ओ-90228, सी.ओ.एल.के-8001, सी.ओ.एच-7803 जैसी किस्मों का चुनाव करें। खेत की अच्छी तैयारी कर आधार खाद के रूप में 5-10 टन गोबर की खाद, 80 कि.ग्रा. फास्फोरस, 60 कि.ग्रा. पोटाश व 40 कि.ग्रा. ज़िंक सल्फेट प्रति हेक्टेयर दें।

Image credit: The Hindu

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweathercom अवश्य लिखें।

OTHER LATEST STORIES