[Hindi] मध्य प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (25 से 31 दिसम्बर, 2020), फसल सलाह

December 25, 2020 9:21 AM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 25 से 31 दिसम्बर के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।

मध्य प्रदेश में मॉनसून की विदाई के बाद भी बारिश के कुछ अच्छे दौर आते हैं और विभिन्न जिलों में काफी ठीक-ठाक बारिश देखने को मिलती है। लेकिन इस बार 1 अक्टूबर से लेकर 25 दिसम्बर के बीच काफी कम बारिश राज्य में दर्ज की गई है। इस अवधि में पूर्वी मध्य प्रदेश में औसतन 55 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि बारिश हुई है 31% कम 38 मिलीमीटर। पश्चिमी भागों में कमी 57% की है। जहां इस अवधि में 50 मिलीमीटर वर्षा होती है वहाँ बारिश हुई है 21 मिलीमीटर।

पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहा जिसके चलते शीतलहर का प्रकोप देखने को मिला और पूर्वी भागों में घना कोहरा भी छाया रहा।

इस सप्ताह मध्य प्रदेश में सभी जगहों पर मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क रहेगा। बारिश की संभावना जबलपुर, मंडला, कटनी, बालाघाट, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रतलाम ग्वालियर, गुना, सागर, सतना, पन्ना समेत राज्य के किसी भी ज़िले में नहीं है। उत्तरी हिस्सों में 25 से 27 दिसम्बर के बीच हवा की दिशा पश्चिमी रहेगी जिससे इन भागों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से नीच रहेंगे और अच्छी सर्दी जारी रहेगी। 28 से पूरे राज्य में हवा की दिशा फिर से बदल जाएगी और तापमान में गिरावट का क्रम रुक जाएगा।

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

देश से बोई गई गेहूँ की फसल में इस समय चौड़ी पत्ती वाले खर-पतवारों की समस्या बढ़ जाती है। इसके नियंत्रण के लिए कारफेंटराज़ोन इथाइल (40% डी.एफ़) 20 ग्राम या ट्राईसलफ्यूरान (20 डब्ल्यू.जी) 15-20 ग्राम का छिड़काव करें।

गेहूं मध्य प्रदेश की प्रमुख रबी सफल है। फसल में संकरी पत्ती वाले खर-पतवारों की समस्या अगर दिखाई दे तो क्लोडिनोफोप (15% डब्ल्यू.पी.) 60 ग्राम या पिनोक्साडेन (5.1% ई.सी.) 40 ग्राम दवा का छिड़काव करें।

चौड़ी एवं संकरी पत्ती वाले खर-पतवारों के नियंत्रण के लिए सल्फोसलफ्यूरान और मेट सल्फ्यूरान (मिश्रित शाकनाशी) 32 ग्राम प्रति हेक्टेयर बिजाई के 25-30 दिन पर पहली सिंचाई के बाद 500-600 लीटर पानी में घोलकर सामान रूप से छिड़काव कर सकते हैं।

मौसम शुष्क रहेगा जिससे अन्य खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें और बदलते मौसम को देखते हुए रोगों तथा कीटों के संक्रमण की आशंका रहती है इसलिए फसलों पर नियमित निगरानी करते रहें।

Image credit: NewsClick

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweathercom अवश्य लिखें।

OTHER LATEST STORIES