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[Hindi] मध्य प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (28 अगस्त-3 सितंबर, 2020), फसल सलाह

August 28, 2020 2:11 PM |

आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 28 अगस्त से 3 सितंबर के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।

पिछले 2 दिनों से मध्य प्रदेश के कई भागों में भारी वर्षा देखी जा रही है। एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र इस समय उत्तरी छत्तीसगढ़ तथा उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश के ऊपर बना हुआ है। इसके प्रभाव से मध्य प्रदेश के कई भागों में भारी से अति भारी बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटों में नरसिंहपुर में अति भारी वर्षा दर्ज की गई है जो 300 मिलीमीटर है।

अगले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के पूर्वी तथा मध्य भागों में भारी वर्षा जारी रहेगी। 29 अगस्त को वर्षा की गतिविधियां मध्य प्रदेश के पूर्वी भागों से कम होने लगेंगी। परंतु पश्चिमी भागों में भारी वर्षा जारी रह सकती है। 30 अगस्त से समूचे मध्य प्रदेश वर्षा की गतिविधियों में व्यापक कमी आ जाएगी उसके बाद लगभग एक सप्ताह तक राज्य के अधिकांश भागों में मौसम लगभग शुष्क हो जाएगा। हालांकि छिटपुट जगहों पर बारिश होती रहेगी।

1 जून से 27 अगस्त के बीच मध्य प्रदेश में मानसून काफी सक्रिय बना रहा है। इस समय पूर्वी तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश मैं सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। पश्चिमी मध्य प्रदेश को सामान्य से 7% अधिक वर्षा तथा पूर्वी मध्य प्रदेश को सामान्य से 3% कम वर्षा प्राप्त हुई है।

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए उर्वरकों व कीटनशाकों का छिड़काव अभी न करें। बैंगन, मिर्ची, टमाटर, फूलगोभी तथा पूर्व में रोपे गए फल पौधे यदि किसी कारण से मर गए हैं तो उनके स्थान पर शीघ्र उसी प्रजाति के पौधों की रोपाई करें। फसलों में अतिरिक्त जल की निकासी तथा वर्षा बंद होने पर समुचित जल प्रबंधन एवं निराई-गुड़ाई की व्यवस्था करें।

बढ़ती आर्द्रता के कारण फसलों में कीटों और रोगों का प्रकोप बढ़ सकता है, इसकी रोकथाम के लिए फसलों का नियमित निरक्षण करें और मौसम के अनुसार उचित उपचार करें। कद्दू-वर्गीय सब्जियों को छोड़कर अन्य सब्जियों और फल पौधों में पर्णीय रोगों के आर्थिक क्षति स्तर  के लक्षण दिखने पर कॉपर-ऑक्सीक्लोराइड 2.5 ग्राम या हेक्साकोनाजोल 5 एस.सी. दवा 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर साफ मौसम में छिड़कें।

कपास की फसल में एफीड, जेसिड़, थ्रिप्स एवं सफ़ेद मक्खी का प्रकोप प्रारंभ होने पर इनके नियंत्रण हेतु ड़ाईनोटेफ्यूरान 20% एस.जी. को 150 ग्राम प्रति हेक्टेयर या मिथाइल डेमाटोन 25 ई.सी. को 600 मि.ली. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

कपास में गुलाबी, चितकबरी इल्ली, तंबाकू व चने की इल्ली तथा सोयबीन में गर्डल बीटल, तना मक्खी, सेमी-लूपर इल्ली एवं भिंडी, बैंगन, टमाटर, मिर्च में फल छेदक के नियंत्रण हेतु क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5% एस.सी. की 150 मि.ली. मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर 500 लीटर पानी में मिलाकर साफ मौसम में छिड़कें। 

Image credit: Competitive India

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