मध्य प्रदेश में इस सप्ताह यानि 3 अप्रैल से 9 अप्रैल के बीच अधिकांश इलाकों में मौसम साफ और शुष्क रहेगा। हालांकि राज्य के दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी इलाकों में कुछ स्थानों पर मौसम कुछ समय के लिए बदल सकता है।
होशंगाबाद, बेतुल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, बालाघाट, मंडला जैसे दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी भागों में 5 और 6 अप्रैल को एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। जबकि 7 अप्रैल को उत्तर-पूर्वी हिस्सों में सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, सतना, पन्ना, कटनी और छतरपुर में भी कहीं-कहीं हल्की बारिश के आसार हैं।
जबकि भोपाल, नीमच, आगर मालवा, रतलाम, श्योपुर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, इंदौर, उज्जन, खरगौन, खंडवा सहित ज़्यादातर जिलों में पूरे सप्ताह मौसम साफ और शुष्क रहेगा।
मध्य के किसानों के लिए फसल सलाह
जिन इलाकों में बारिश होने की संभावना है, वहाँ के किसानों को सलाह है कि खलिहानों में रखी फसलों और अनाजों को ढँक कर रखें। जिन भागों में मौसम साफ रहने के अनुमान हैं वहाँ फसलों की कटाई मड़ाई तेज़ी से करें।
मड़ाई के बाद साफ मौसम में अनाज को सुरक्षित रखने से पहले 10-12% नमी बचने तक धूप में सुखाएँ। भंडारग्रह के छेद दरारों को सीमेंट से बंद करें। भंडार स्थल को साफ कर उसमें प्रधूमन करें या मेलाथियान के घोल का छिड़काव करें।
भंडारण के समय ई.डी.वी. धूम्रयुक्त दवा (3 मिली प्रति क्विंटल आनज) रखने के बाद भंडारग्रह ठीक से बंद करें। सुनिश्चित करें कि इसमें नमी ना जाए। लेकिन प्रकाश की उचित व्यवस्था हो।
प्याज़ और लहसुन के कांडों की खुदाई के 10-15 दिन पहले से सिंचाई बंद कर दें। जब कंडे पूरी तरह विकसित हो जाएँ और पौधों की ऊपरी पत्तियाँ सूखकर गिरने लगें तब उसकी खुदाई करें। बड़े पैमाने पर प्याज़ की खुदाई के लिए आलू खुदाई मशीन का उपयोग कर सकते हैं।
प्याज़ कंदों की अंकुरण क्षमता कम करने के लिए खड़ी फसल के तैयार होने से पहले मेलिक हाइड्राजाइड के 2500 पी.पी.एम. के घोल का छिड़काव किया जा सकता है।
Image credit: India Today
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