आइए जानते हैं मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा 24 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच मौसम। और क्या है मध्य प्रदेश के किसानों के लिए हमारे पास खेती से जुड़ी सलाह।
मध्य प्रदेश के उत्तरी और उत्तर-पूर्वी जिलों में पिछले कुछ दिनों से हल्की बारिश कुछ स्थानों पर देखने को मिल रही है। 24 अप्रैल को भी मध्य प्रदेश के उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है।
25 अप्रैल से राज्य पर बारिश वाले बादल कम हो जाएंगे लेकिन 25 से 27 अप्रैल के बीच ग्वालियर, मुरैना, रीवा, सतना, पन्ना और टीकमगढ़ आदि जिलों में छिटपुट बारिश जारी रह सकती है।
28 से 30 अप्रैल के बीच मध्य प्रदेश के उत्तरी और पश्चिमी जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है। यानि सप्ताह के आखिर में लंबे समय बाद उज्जैन, रतलाम, इंदौर, धार और नीमच जैसे पश्चिमी जिलों में बारिश होगी। शिवपुरी, गुना और आसपास के भागों में भी बारिश के आसार उस दौरान नज़र आ रहे हैं।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
किसान बंधु वर्षा की संभवना को देखते हुए गहाई व अन्य कृषि गतिविधियों को अभी रोक दें। कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानो पर रखें। चूंकि वर्षा होने से मिट्टी में नमी बनी रह सकती है, इसलिए ग्रीष्म कालीन मूंग, सब्जियों एवं फलों में आवश्यकतानुसार ही सिंचाई करें।
फसलों की कटाई के बाद खेतों की गहरी जुताई करें। इससे मिट्टी में मौजूद फसलों को हानि पहुंचाने वाले कीटाणु-रोगाणु, कृमिसूत्र, खरपतवार आदि नष्ट हो जाएंगे। जुताई मिट्टी पलटने वाले हल/डिस्क हैरो से करने से खेत में कार्बोनिक पदार्थ/फसल अवशेष खाद के रूप में मिल जाते हैं।
आगामी फसलों के लिए उत्तम बीजों का प्रयोग करें। गाँव या आस-पास के क्षेत्र में किसी विश्वसनीय संस्था या व्यक्ति के पास अच्छा, स्वस्थ व अपेक्षित बीजों की किस्में उपलब्ध हों तो उसे खरीदकर या आपस में अदल-बदल कर बीजों की पहले से ही व्यवस्था कर सकते हैं।
वर्तमान परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए एकीकृत खेती प्रणाली (इंटीग्रटेड फ़ार्मिंग सिस्टम) को विशेष महत्व देकर क्षेत्र की अनुकूलता एवं अपनी आगामी आवश्यकतानुसार कार्य-योजन/फार्म-प्लान बनाएँ।
कोरोना वायरस के संक्रामण से बचने के लिए कृषक बंधु दैनिक कृषि कार्यों में सरकार द्वारा लागू किए गए निर्देशों जैसे मास्क/गमछे का प्रयोग, सामाजिक दूरी, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने आदि का पालन करें।
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