[Hindi] हरियाणा का साप्ताहिक (2-8 सितंबर, 2020) मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह

September 2, 2020 1:04 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा में 2 सितंबर से 8 सितंबर के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।

हरियाणा में 1 जून से 1 सितंबर के बीच सामान्य से 3% कम वर्षा हुई है। पिछले कई दिनों से हरियाणा के ज़्यादातर जिलों में मौसम लगभग शुष्क बना हुआ है। हालांकि तापमान सामान्य के आसपास या सामान्य से कुछ कम ही बने हुए हैं।

हरियाणा में 2 सितंबर को भी अच्छी वर्षा की संभावना ना के बराबर है। 3 सितंबर से छिटपुट वर्षा की गतिविधियां शुरू हो सकती हैं लेकिन एक-दो स्थानों पर ही वर्षा के आसार हैं।

4 सितंबर से 5 सितंबर के बीच हरियाणा के कुछ भागों में मध्यम बारिश हो सकती है। एक-दो स्थानों पर तेज वर्षा की भी संभावना उस दौरान है। उसके बाद राज्य में मौसम एक बार फिर शुष्क हो जाएगा। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि सितंबर का पहला सप्ताह वर्षा के लिहाज से हरियाणा के लिए कमजोर ही साबित होगा तथा वर्षा के आंकड़ों में कुछ खास सुधार होने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है।

हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री

मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि फसलों में मिट्टी की नमी के अनुसार सिंचाई करें। अत्यधिक पानी देने से बचें तथा कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव मौसम के अनुरूप करें।

बाजरे की फसल में महीने के पहले पखवाड़े में सिट्टे आने पर भारी ज़मीन में प्रति एकड़ 28 कि.ग्रा. यूरिया देकर सिंचाई करें और रेतीली ज़मीन में पानी देने के बाद बतर आने पर यूरिया डालें और गुड़ाई करें।

उमस के चलते खड़ी फसलों में विभिन्न रोगों के पनपने के आशंका है, इसलिए फसलों की नियमित निगरानी करें। बाजरे की पछेती फसल में पत्तों पर भूरे दाग दिखाई दें तो मौसम साफ रहने पर 0.5% ज़िंक सल्फेट और 2.5% यूरिया का घोल छिड़कें। एक एकड़ खेत के लिए 1 कि.ग्रा. ज़िंक सल्फेट, 5 कि.ग्रा. यूरिया तथा 200 लीटर पानी के घोल का प्रयोग करें।

धान की फसल में सफ़ेद पीठ वाला कीट और भूरा तेला के प्रकोप के कारण खेत के कुछ हिस्सों में फसल पीली होकर सूखने लगती है। इनकी रोकथाम के लिए 10 किग्रा कारबेरिल 5% या अन्य उपलब्ध इसके विकल्प रसायन 200 लीटर पानी में मिलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

बीटी कपास में सफ़ेद मक्खी, मीली बग, जेसिड आदि जैसे कीटों के प्रकोप की संभावना है। सफ़ेद मक्खी की रोकथाम के लिए पोलो, क्रेज़, रूबी कीटनाशक में से किसी एक की 200 ग्राम मात्रा, मीली बग की रोकथाम के लिए एकालक्स, क्यूनलफॉस, क्यूनलगार्ड 25 ई.सी. में से किसी एक की 500 मि.ली. मात्रा, जेसिड की रोकथाम हेतु एकतारा, दोतारा 25 डब्लू.जी. में से किसी एक की 40 ग्राम मात्रा को 125-150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें। अच्छे परिणाम हेतु कीटनाशको को अदल-बदल कर प्रयोग करें। 

Image credit: DNA India

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