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[Hindi] हरियाणा का साप्ताहिक (09 से 15 सितंबर जून, 2020) मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह

September 9, 2020 1:43 PM |

आइए जानते हैं हरियाणा में 9 से 15 सितंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल और क्या है इस सप्ताह फसलों से जुड़ी सलाह।

हरियाणा में ऐसा लग रहा है जैसे मॉनसून वापस लौट गया है और गर्मी की फिर से वापसी हुई है। हालांकि मॉनसून के वापस होने की अभी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। उम्मीद है कि 15 से 20 सितंबर के बीच मॉनसून हरियाणा समेत उत्तर भारत से वापस चला जाएगा।

इस सप्ताह यानि 9 से 15 सितंबर के बीच हरियाणा के लगभग सभी जिलों में मौसम शुष्क और साफ रहेगा। 15-16 के बाद यानि अगले सप्ताह बारिश का एक अच्छा दौर जरूर आ सकता है। उससे पहले तराई क्षेत्रों यानि पंचकुला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और करनाल में छिटपुट बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।

फ़रीदाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, झज्जर, पलवल, सिरसा, हिसार, पानीपत, सोनीपत समेत बाकी सभी जिलों में पूरे सप्ताह गर्मी और शुष्क मौसम की ही संभावना है। राज्य में अधिकतम तापमान इस सप्ताह बढ़ते हुए 35 से 38 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया जाएगा। जिससे लू जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। न्यूनतम तापमान भी 24 से 26 डिग्री के बीच रहेगा।

हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री           

मुख्यतः शुष्क मौसम को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि फसलों में आवश्यकतानुसार नमी बनाए रखें। धान को मंगला/गंधी-बग से बचाव हेतु 2% मिथाइल-पैराथियान पावडर 10 किग्रा प्रति एकड़ की दर से भुरकाव करें। सफ़ेद और भूरे तेले से बचाव हेतु 250 मि.ली. मोनोक्रोटोफॉस 36 एस.एल. 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़कें।

बाजरे की पछेती फसल में पत्तों पर भूरे दाग दिखाई दें तो 0.5% ज़िंक सल्फेट व 2.5% यूरिया का घोल छिड़कें। एक एकड़ खेत के लिए 1 कि.ग्रा. ज़िंक सल्फेट, 5 कि.ग्रा. यूरिया तथा 200 लीटर पानी के घोल का प्रयोग करें। 10-12 दिन के अंतर पर ओस उतरने के बाद करें कम से कम दो बार छिड़काव करें। बाजरे की फसल में पहले पखवाड़े में सिट्टे आने पर भारी ज़मीन में प्रति एकड़ 28 कि.ग्रा. यूरिया देकर सिंचाई करें और रेतीली ज़मीन में पानी देने के बाद बतर आने पर यूरिया डालें और गुड़ाई करें।

मौसम में उमस होने के कारण बीटी कपास में सफ़ेद मक्खी, मीली बग, जेसिड आदि कीटों का प्रकोप होने की संभावना बढ़ गई है। सफ़ेद मक्खी की रोकथाम के लिए पोलो, क्रेज़, रूबी कीटनाशक मे से किसी एक की 200 ग्राम मात्रा, मीली बग की रोकथाम हेतु एकालक्स, क्यूनलफॉस, क्यूनलगार्ड 25 ई.सी. में से किसी एक की 500 मि.ली. मात्रा, जेसिड की रोकथाम हेतु एकतारा, दोतारा 25 डब्लू.जी. में से किसी एक की 40 ग्राम मात्रा को 125-150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें। अच्छे परिणाम हेतु कीटनाशको को अदल-बदल कर प्रयोग करें। फलो के नए पौधे लगाने के लिए अभी समय उचित है।

Image credit: Punjabi Khurki

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