आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा में 7 से 13 अक्टूबर के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
हाल ही में सम्पन्न हुआ मॉनसून सीजन हरियाणा के लिए अच्छा नहीं रहा। हरियाणा में इस साल मॉनसून सीजन में सामान्य से 14% कम वर्षा हुई।
यूं तो हरियाणा से मॉनसून 30 सितंबर को विदा हुआ, लेकिन राज्य में लगभग दो हफ्तों से मौसम मुख्यतः शुष्क बना हुआ है। मॉनसून की विदाई के बाद अब उत्तर पश्चिमी दिशा से शुष्क हवाएं चल रही हैं। आर्द्रता में भारी कमी आई है जिससे सुबह तथा रात का मौसम शीतल हो गया है। न्यूनतम तापमान में गिरावट भी हुई है। लेकिन दिन का तापमान अभी भी सामान्य या उससे भी अधिक बना हुआ है जिससे दोपहर की गर्मी अभी खत्म नहीं हुई है।
इस सप्ताह हरियाणा में मौसम गर्म तथा शुष्क बना रहेगा। रात के तापमान में कुछ और गिरावट हो सकती है जबकि दिन के तापमान में गिरावट नहीं होगी और तेज़ धूप के कारण दिन में मौसम गर्म ही बना रहेगा और आसमान भी साफ रहेगा।
अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में न्यूनतम तापमान में कुछ और गिरावट होगी जिसके प्रभाव से सुबह के समय धुंध तथा कुहासा छाने की संभावना है।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
मौसम मुख्यतः शुष्क रहने के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि देर से बोयी गई फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई देते रहें। खरीफ की पक चुकी फसलों की कटाई व चुनाई करना प्रारम्भ करें। अमेरीकन कपास की चुनाई 15-20 दिन के अंतर पर व देसी कपास की चुनाई 8-10 दिन के अंतर पर करें। प्रथम व अंतिम चुनाई की कपास को अलग एकत्र करें क्योंकि दोनों की गुणवत्ता में अंतर होता है। अमेरीकन कपास में इस माह के अंत तक अंतिम सिंचाई कर दें।
खरीफ फसलों की कटाई के बाद पराली व अवशेषों आदि को न जलाएँ, पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है बल्कि मिट्टी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सिट्रस की नर्सरी में नए पौधों में लीफ फोंल्डर कीट का प्रकोप इस समय हो सकता है, इससे बचाव के लिए 1 लीटर क्यूनालफॉस 25 ईसी 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
रबी फसलों की बुवाई हेतु खेतों की तैयारी और बीजों की पहले से व्यवस्था करें। बासमती धान आधारित फसल चक्र वाले क्षेत्रों में गेहूँ की सिंचित उपजाऊ भूमि पर समय पर बिजाई के लिए डब्ल्यू एच-1105 व 283, एचडी-2967, डीपी डब्ल्यू-621-50, डीबी डब्ल्यू-88, एचडी-3086, पीबी डब्ल्यू-550, डब्ल्यू एच-542 (25 अक्तूबर से 15 नवंबर तक) उन्नत किस्में है।
इसके अलावा अगर आपको देर से बुआई करनी है तो पछेती किस्में नोट कर सकते हैं: डब्ल्यू एच-1021, पीबी डब्ल्यू-373 एवं राज-3765।
बाजरा व कपास फसल चक्र आधारित क्षेत्रों में गेहूँ की बिजाई 15 नवम्बर तक पूरी की जा सकती है, बारानी क्षेत्रों में सी-306, डब्ल्यू एच 1080, डब्ल्यू एच-1025 आदि की बिजाई अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के प्रथम सप्ताह के बीच कर लेनी चाहिए।
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