
आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा में 28 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
हरियाणा का मौसम पूरी तरह से शुष्क बना हुआ है। अक्टूबर के महीने में कभी-कभी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बारिश हो जाती है परंतु इस बार कोई भी सशक्त पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्रों में नहीं आया है इसी कारण से हरियाणा का मौसम अक्टूबर के महीने में शुष्क बना रहा।
पिछले कुछ दिनों से उत्तर पश्चिम दिशा से चल रही है तथा आसमान साफ बना हुआ है। इसके प्रभाव से हरियाणा के अधिकांश इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से2से3डिग्री नीचे चल रहे हैं। जबकि अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास है। हिसार और नारनौल में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे चले जाने के कारण समय से पहले मौसम ठंडा हो गया है।
इस सप्ताह भी हरियाणा में बारिश की उम्मीद नहीं है। रात और दिन के तापमान में कुछ और गिरावट होने की संभावना बनी हुई है।
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आगामी दिनों में शुष्क मौसम की संभावना को देखते हुए सुझाव है कि गेहूँ की बुआई जारी रखें। बासमती धान आधारित फसल चक्र वाले क्षेत्रों में सिंचित उपजाऊ भूमि पर बिजाई का उपयुक्त समय15नवम्बर तक है। बाजरा व कपास फसल चक्र आधारित क्षेत्रों में भी उपयुक्त समय15नवम्बर तक है। बारानी क्षेत्रों में बिजाई नवम्बर के पहले सप्ताह तक पूरी करें।
कठिया गेहूँ की बिजाई का भी उत्तम समय नवम्बर के पहले सप्ताह तक रहता है। गेहूं की डब्लूएच-147,डब्लूएच-542व् डब्लूएच-416किस्मों के40किग्रा बीज जबकि डब्लूएच-157,सोनालिका व अन्य किस्मों के50किग्रा बीज प्रति एकड़ प्रयोग कर बिजाई ड्रिल से करे। लम्बी बढ़ने वाली सी-306किस्म की बिजाई6-7सेमी गहरी करें।
बुआई से पहले पूर्व मिट्टी की जाँच करवाएँ व उसके आधार पर ही उर्वरक दें या आम अनुशंसा के आधार पर खाद का प्रयोग करें।
बौनी किस्मों में30किग्रा नाइट्रोजन (65किग्रा यूरिया), 24किग्रा फास्फोरस (150किग्रा एसएसपी), 24किग्रा पोटाश (40किग्रा एमओपी), 10किग्रा ज़िंक सल्फेट प्रति एकड़ बिजाई के समय डालें।
बीज व मृदा-जनित रोगों से बचाव हेतु बीजों को बिजाई से पहले वीटावैक्स या बाविस्टीन2ग्राम अन्यथा रैक्सिल-2डीएस1ग्राम प्रति किग्रा बीज से सूखा उपचार करें।
काबुली चने की बिजाई शीघ्र पूरी करें,दीमक से बचाव हेतु बीज को850मिली मोनोक्रोटोफास36एसएल या1500मिली क्लोरोपाइरीफॉस20ईसी2लीटर पानी में घोल कर प्रति क्विंटल बीज की दर से बिजाई से एक दिन पूर्व पक्के फर्श या पॉलीथिन पर उपचारित करें।
Image credit:The Economic Times
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