आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा 18 से 24 नवंबर के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
उत्तर भारत के पहाड़ों पर एक नया पश्चिमी विक्षोभ मौसम को प्रभावित कर रहा है। इसके प्रभाव से ही राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है। इन सिस्टमों के प्रभाव से हरियाणा पर भी 24 नवंबर से ही बादल छाए हुए हैं और कुछ इलाकों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं।
उम्मीद है कि 25 और 26 नवंबर तक हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में बादल बने रहेंगे और कुछ स्थानों पर रुक-रुक कर बारिश दर्ज की जाएगी। बारिश की संभावना उत्तरी जिलों पंचकुला, चंडीगढ़, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला में ज़्यादा रहेगी जबकि गुरुग्राम, रेवाड़ी, हिसार, नारनौल, सिरसा समेत शेष हरियाणा में आंशिक बादल तो रहेंगे लेकिन बारिश की अधिक संभावना नहीं है। हालांकि इन भागों में छिटपुट वर्षा की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
इस सप्ताह 27 नवंबर तक हरियाणा राज्य के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि होती रहेगी और कई जगहों पर यह सामान्य से ऊपर पहुँच जाएगा। जबकि 27-28 नवंबर से तापमान में व्यापक गिरावट होगी क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ के आगे जाने के बाद ठंडी उत्तर पश्चिमी हवाएँ हरियाणा पर भी चलेंगी और शीतलहर जैसे हालात राज्य के कई इलाकों में बन जाएंगे।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
जिन क्षेत्रों में वर्षा की संभावना जताई गई है वहाँ किसानों को सुझाव है की कटी हुई फसलों की सुरक्षा सुनिशित करें। 27 नवंबर से मौसम के मुख्यतः शुष्क रहने के अनुमान को देखते हुए रबी फसलों के लिए कृषि कार्य जारी करें। तापमान में गिरावट के अनुमान को देखते हुए मिर्च की नर्सरी में पौध को पाले से बचाने के उचित उपाय करें।
चने में समान्यतः फूल आने से पहले एक पानी देना चाहिए, मौसम साफ होने पर मिट्टी की नमी के अनुसार सिंचाई दें। चने की फसल में फली छेदक सुंडी के नियंत्रण के लिए 200 मि.ली. मोनोक्रोटोफास 36 एस.एल. या 400 मिली. एंडोसल्फान 35 ईसी. 100 लीटर पानी में मिलकर प्रति एकड़ छिड़के।
बैंगन की बसंत की फसल के लिए दिसंबर के पहले पखवाड़े में भी नर्सरी बनाई जा सकती है, उन्नत किस्मों जैसे बी.आर-112, हिसार श्यामल, हिसार प्रगति व एच.एल.बी-25 में से बीजो का चुनाव करें। एक एकड़ खेत के लिए नर्सरी तैयार करने के लिए 200 ग्राम बीज का प्रयोग करें।
सब्ज़ियों की फसलों में यदि गोभ या फल छेदक का प्रकोप दिखे तो 75 मि.ली. स्पाइनोसेड (ट्रेसर 45 एस.सी.) को प्रति एकड़ 80 लीटर पानी में मिलाकर 15 दिन के अंतर पर छिड़कें। गेहूँ के साथ चना, सरसों आदि फसलों में चितकबरा कीट (पेंटेड बग) व आरा मक्खी की सूँडी का प्रकोप हो तो 200 ग्राम मैलाथियान 50 ई. सी. को 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ छिड़कें।
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