[Hindi] हरियाणा का साप्ताहिक (6 मई से 5 मई, 2020) मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह

May 6, 2020 11:26 AM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा में 6 मई से 5 मई के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।

6 मई को हरियाणा के कई भागों में तेज बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है। 1-2 स्थानों पर ओलावृष्टि भी संभव है। 7 से 9 मई के बीच हरियाणा का मौसम शुष्क बना रहेगा। दिन के तापमान में भी वृद्धि संभव है।

10 और 11 मई को हरियाणा के पश्चिमी तथा दक्षिणी जिलों में एक बार फिर से हल्की बारिश शुरू हो सकती है जो 12 मई को बढ़कर कई जिलों में फैल सकती है। इस दौरान दिन के तापमान में एक बार फिर 2 से 3 डिग्री की कमी आने की संभावना है।

हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री....

हाल ही जिन इलाकों में वर्षा हुई है या अगले कुछ दिनों में होने के संकेत हैं, वहाँ के किसानों को सलाह है कि फसलों में सिंचाई व छिड़काव का काम अभी न करें और कटी हुई फसलों तथा उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए उचित प्रबंध करें।

वर्तमान मौसम में सब्जियों में कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है। ऐसे में फसलों की निगरानी करते रहें। भिंडी की फसल में यदि हरे तेले तथा चित्तीदार सूँडी का प्रकोप हो तो 300-500 मि.ली. मैलाथियान 50 ई.सी. को 200-300 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें, दवाई छिड़कने के 8-10 दिन तक फल को सेवन न करें।

टमाटर की फसल में फल छेदक कीट का प्रकोप बढ़ सकता है। इसकी रोकथाम हेतु मौसम साफ हो जाने पर 30 मि.ली. फेम या 60 मि.ली. कोराजेन को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें।

धान की नर्सरी उगाने के लिए मौसम अनुकूल हो जाने पर 10-12 गाड़ी गोबर की खाद, 22 कि.ग्रा. यूरिया, 65 कि.ग्रा. एस.एस.पी. तथा 10 कि.ग्रा. ज़िंक सल्फेट प्रति एकड़ डालें, फिर 2 सप्ताह बाद 22 कि.ग्रा यूरिया प्रति एकड़ नर्सरी में डालें।

कोविड़-19 के कारण हुए लॉक-डाउन में मजदूरों की उपलब्धता में कमी हो सकती है, ऐसे में धान की रोपाई करने की बजाए सीधी बुवाई कर सकते हैं।

खरीफ फसलों के लिए उत्तम व स्वस्थ्य बीजों का चयन कर क्रय करें। धान के स्वथ्य बीजो को छाँटने के लिए 10 कि.ग्रा. बीज को 10 लीटर नमक के घोल में (10 लीटर पानी में 1 कि.ग्रा. नमक) डुबोएँ और हाथ से धीरे-धीरे चलाएं, हल्के रोगग्रस्त बीज तथा आभासी कंडुआ के पिंड ऊपर तैरने लगते हैं जिन्हे निकाल कर नष्ट कर दे व नीचे बैठे हुए भारी बीजो को स्वच्छ पानी से 3-4 बार अच्छी तरह धो लें उसके बाद ही फफूंदनाशक दवा के घोल से उपचारित करें।

Image credit: Hindustan Times

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