आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा में 8 से 14 जुलाई के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
1 जून से 7 जुलाई के बीच हरियाणा में सामान्य से 2% अधिक बारिश हुई है। हालांकि झमाझम मॉनसून वर्षा का इंतज़ार हरियाणा के अधिकांश जिलों में अभी भी खत्म नहीं हुआ है।
हरियाणा में पूर्वी आर्द्र हवाएँ आ रही हैं इसके चलते अगले 24 घंटों तक हरियाणा के कुछ हिस्सों में गरज के साथ वर्षा की गतिविधियां जारी रहेंगी। 24 घंटों के बाद दक्षिणी तथा मध्य भागों में मौसम लगभग शुष्क हो जाएगा। हालांकि यमुनानगर, अंबाला, चंडीगढ़, कुरुक्षेत्र तथा करनाल जैसे उत्तरी जिलों में अच्छी वर्षा की गतिविधियां जारी रहेंगी। 14 और 15 जुलाई को एक बार फिर हरियाणा के कई जिलों में वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना नजर आ रही है।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
किसानों को सलाह है कि फसलों में केवल हल्की सिंचाई ही दें। धान की रोपाई शीघ्र पूरी करें तथा रोपाई के (6-10 दिन) बाद जब पौधे ठीक प्रकार से जड़ पकड़ लें तो पानी रोक लें ताकि पौधों की जड़ें विकसित हो जाएँ। इस बात का विशेष ध्यान दें कि धान के खेत में इस समय पानी 5-6 से.मी. से अधिक गहरा न हो।
धान की सीधी बोई गई फसल में शाकनाशी का प्रयोग करें। धान की जड़ की सूँडी के आक्रमण से पौधे पीले हो जाते हैं व फुटाव भी कम होता है जिससे पौधे छोटे रह जाते हैं, इसके नियंत्रण के लिए 10 कि.ग्रा. कार्बोफूरोन 3-जी या 4 कि.ग्रा. फोरेट 10-जी प्रति एकड़ डालें। यदि पत्ता-लपेट सूँडी का आक्रमण हो तो 200 मि.ली. मोनोक्रोटोफॉस 36 एस.एल. 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़कें।
बाजरे की बुवाई के लिए अभी समय उपयुक्त है। बाजरे की फसल को चेपा या अरगट रोग से बचाने के लिए बिजाई पूर्व बीजो को 10% नमक के घोल में (10 लीटर पानी में 1 कि.ग्रा. नमक) डुबो लें और तैरते हुए पिण्डो व अन्य पदार्थो को बाहर निकाल कर जला दें, नीचे बैठे हुए बीजो को साफ पानी में 3-4 बार धोकर सुखा लें और 4 ग्राम थाइरम प्रति कि.ग्रा. बीज के मिश्रण से बीजोपचार करके बिजाई करें।
गन्ने की रतून फसल में ब्लैक-बग कीट का प्रकोप भी इस समय हो सकता है, इसकी रोकथाम के लिए 350 मि.ली. क्लोरपाइरीफॉस को 350-400 लीटर पानी में मिलाकर साफ मौसम में छिड़कें।
Image credit: Millennium Post
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