आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा में 1 जुलाई से 7 जुलाई के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
हरियाणा का मौसम 3 जुलाई शुष्क और काफी गर्म बने रहने की संभावना है। हालांकि कहीं-कहीं गरज के साथ बौछारें गिर सकती हैं। परंतु यह वर्षा थोड़े समय और कुछ ही क्षेत्र तक सीमित रहेगी जिसके कारण तापमान पर अधिक असर नहीं दिखेगा और गर्मी से भी इससे राहत नहीं मिलेगी।
राज्य में 4 जुलाई से मौसम बदलेगा। उम्मीद है कि हरियाणा के कुछ भागों में 4 जुलाई से बारिश की शुरुआत होगी जो अगले चार-पांच दिन जारी रहेगी। हालांकि भारी से अति भारी वर्षा की संभावना कम है परंतु कई स्थानों पर मध्यम वर्षा होने से राहत मिलेगी। तापमान 2 से 4 डिग्री तक कम हो जाएंगे तथा उमस और गर्मी से काफी राहत मिलने के आसार हैं। इस समय बारिश फसलों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। भूमि में पर्याप्त नमी बढ़ने के कारण फसलों को काफी लाभ होता है।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
इस मौसम देखते हुए किसानों को सुझाव है कि फसलों में आवश्यकतानुसार ही दें व कीटनाशको, उर्वरको तथा अन्य छिड़कावों को मौसम के अनुसार ही करें।
मक्के की बुवाई अब शुरू की जा सकती है। उन्नत किस्में हैं:
एच.एच.एम-1, एच.एच.एम-2, एच.एम-4,
एच.एम-5, एच.एम-10, एच.एम-11,
एच.क्यू.पी.एम-5, एच.क्यू.पी.एम-4,
और एच.क्यू.पी.एम-1 आदि
एक एकड़ बिजाई के लिए 8 कि.ग्रा. बीज पर्याप्त होगा। बारानी क्षेत्रों में संकर बाजरा की फसल में 35 कि.ग्रा यूरिया व 50 कि.ग्रा. सुपर फॉस्फेट का प्रयोग करें।
अरहर की कम समय में पकने वाली मानक (एच 77-216), यूपीएएस-120, पारस (एच 82-1) उन्नत किस्में है, जो 130-140 दिन में पक कर तैयार हो जाती हैं, इन किस्मों की बिजाई शीघ्र ही पूरी कर लें। एक एकड़ बिजाई के लिए 5-6 कि.ग्रा. बीज प्रयोग करें तथा कतारों के बीच कि दूरी 40 से.मी. रखें।
अच्छी उपज के लिए अरहर की दो कतारों के बीच एक कतार उड़द या मूंग की कम समय में पकने वाली किस्में लगाई जा सकती है। लेकिन अगर ऐसा करना हो तो खूडों का फासला 50 से.मी. रखकर अरहर की बिजाई करें।
टिड्डी दल के आक्रमण की आशंका इन दिनों बनी हुई है, इसलिए फसलों की सतत निगरानी रखें और तीव्र ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्रो व उपकरणो से तेज़ ध्वनि निकाल कर टिड्डी दल को दूसरी दिशा में उड़ाने का प्रयत्न करें।
अगर संभव है तो सब्जियों तथा खड़ी फसलों पर नीम तेल के घोल कर छिड़काव करें। यदि कोई किसी खेत में टिड्डी दल उतरा हो तो वहाँ तुरंत जुताई करवा दें या जल भराव कर दें, ऐसा करने से टिड्डियों के अंडे नष्ट हो जाएंगे।
Image credit: Times Of India
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