आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा 20 से 26 जनवरी, 2021 के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
हरियाणा में भी पंजाब की तरह ही जनवरी के महीने में ठीक-ठाक बारिश देखने को मिल जाती है। इस साल की जनवरी में 1 से लेकर 20 तारीख तक के बारिश के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में 235% अधिक वर्षा हुई है। जनवरी के पहले सप्ताह में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आया था जिसके प्रभाव से हरियाणा में अच्छी बारिश हुई थी।
इस सप्ताह भी कुछ इलाकों में बारिश होने की संभावना है। हालांकि 20 और 21 जनवरी को हरियाणा में लगभग सभी स्थानों पर मौसम शुष्क रहेगा। इस दौरान उत्तर पश्चिमी दिशा से तेज हवाएं चलेंगी। इन हवाओं के प्रभाव से कोहरे में कमी आएगी तथा दिन में धूप खिलेगी जिससे दिन के तापमान में कुछ वृद्धि हो सकती है। न्यूनतम तापमान में अगले 2 दिनों के दौरान कुछ गिरावट देखने को मिलेगी।
दो दिनों के बाद एक नया पश्चिमी विक्षोभ 22 जनवरी के आसपास उत्तर भारत में आएगा। इस सिस्टम के प्रभाव से 22 जनवरी से 24 जनवरी के बीच हरियाणा के उत्तरी जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिल सकती है। बारिश और ओलावृष्टि की संभावना मुख्यतः पंचकुला, चंडीगढ़, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल और अंबाला में है।
पानीपत, सोनीपत, हिसार, सिरसा, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, चरखी-दादरी, पलवल, मेवत समेत दक्षिणी जिलों में आंशिक बादल छा सकते हैं। लेकिन इन जिलों में बारिश की संभावना इस सप्ताह फिलहाल नहीं है।
उस दौरान राज्य में न्यूनतम तापमान में एक बार फिर होने की संभावना है।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
ठंडी हवाओं के चलने के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि गन्ने की फसल को पाले से बचाने के लिए खेत में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई दें। गन्ने की मध्य मौसमी किस्मों की कटाई पूरी कर लें।
फरवरी-मार्च में बोई जाने वाली गन्ने की फसल के लिए खेत में प्रति एकड़ 20-30 गाड़ी गली-सड़ी गोबर की खाद डालकर उसकी 4-5 बार जुताई करें। गन्ना बुआई से पहले मृदा परीक्षण अवश्य करवाएँ तथा मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार खाद की मात्रा निर्धारित करें।
सिंचित इलाकों में जौ की फसल में पहला पानी लगाते समय 25 कि.ग्रा. यूरिया खाद का प्रयोग करें। गेहूं में पीला रतुआ या रोली के प्रभाव से पत्तियों पर पीले या नारंगी रंग के फफोले बनने लगते हैं। इसके बचाव के लिए लक्षण दिखते ही मैनकोज़ेब या 200 मि.ली. प्रोपिकोनाजोल को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ फसल पर छिड़काव करें और 10-15 दिन की अवधि पर दोहराते रहें।
Image credit: The Wire
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