[Hindi] हरियाणा का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह (3 से 9 फरवरी, 2021)

February 3, 2021 10:34 AM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा में 3 फरवरी से 9 फरवरी, 2021 के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल। फसलों से जुड़ी सलाह भी आप जानेंगे।

हरियाणा में बीते सप्ताह तराई क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा दर्ज की गई थी जबकि बाकी सभी भागों में मौसम पूरे सप्ताह साफ और शुष्क रहा। 1 जनवरी से 3 फरवरी के बीच हरियाणा में सामान्य से 42% ज्यादा वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इस दौरान जहां औसतन 15 मिलीमीटर बारिश होती है वहां 21.3 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।

इस सप्ताह भी हरियाणा में बारिश की संभावना है जिससे आंकड़ों में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। उम्मीद है कि हरियाणा के तराई क्षेत्रों में 3 फरवरी से ही मौसम बदलेगा और करनाल, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकुला, चंडीगढ़ में बारिश देखने को मिलेगी। बारिश का सिलसिला 4 फरवरी को भी इन सभी क्षेत्रों में जारी रहने की संभावना है। 4 फरवरी को सोनीपत, पानीपत और आसपास के क्षेत्रों विशेषकर पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हरियाणा के जिलों में वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। जबकि गुरुग्राम, फरीदाबाद से लेकर रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, हिसार, जींद, पलवल समेत बाकी भागों में मौसम पूरे सप्ताह साफ और शुष्क बना रहेगा।

5 फरवरी से मौसमी सिस्टम पूर्वी दिशा में आगे बढ़ जाएंगे जिसके बाद उत्तरी ठंडी हवाएं फिर से हरियाणा के ऊपर चलनी शुरू होंगी और सप्ताह के शुरुआती दिनों में न्यूनतम तापमान में जो बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी उसमें एक बार फिर से गिरावट देखने को मिलेगी। 5 से लेकर 9 फरवरी के बीच समूचे हरियाणा पर उत्तरी और उत्तर पश्चिमी हवाओं का प्रभाव रहेगा तापमान सामान्य से नीचे रहेंगे लेकिन अब शीतलहर की वापसी के संकेत फिलहाल नहीं है

हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री....

मौसम मुख्यतः को देख हुए किसानों को सुझाव है कि फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई दें। समय पर बोई गई गेहूँ की बौनी किस्मों में तीसरी व पछेती किस्मों में दूसरी सिंचाई दें। नाइट्रोजन की बची ख़ुराक दें। खाद डालने के बाद गोड़ी अवश्य करें। हल्की ज़मीन में खाद सिंचाई के बाद डालें।

जौ की फसल में भी दूसरा पानी तथा नाइट्रोजन की बची आधी मात्रा डालें। देर से बोई गई मटर की फसल में बुआई के लगभग 4-6 सप्ताह बाद सिंचाई करें और उसके बाद यूरिया खाद का 13 किग्रा प्रति एकड़ कि दर से छिड़काव करें। फसल में यदि थ्रिप्स का प्रकोप हो तो 60 मिली साइपरमेथ्रिन 25 ई.सी. 200-250 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। रोग दूर ना होने पर दो सप्ताह बाद दोबारा छिड़काव करें।

Image credit: The Wire

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