आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा 30 दिसम्बर, 2020 से 5 जनवरी, 2021 के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
पिछले सप्ताह हरियाणा के उत्तरी इलाकों पंचकुला, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और आसपास के भागों में गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई थी। हालांकि हरियाणा इस बारिश के बाद भी हरियाणा में सामान्य से लगभग 53% कम महज़ 9 मिलिमीटर के आसपास वर्षा 1 अक्टूबर से लेकर 29 दिसंबर के बीच दर्ज की गई है।
इस सप्ताह हरियाणा के कई इलाके भीषण ठंड की गिरफ्त में रहेंगे। उत्तर भारत के पहाड़ों पर हुई हाल की बर्फबारी का प्रभाव उत्तरी हवाओं के साथ हरियाणा पर कम से कम नए साल 2021 के शुरुआती दिनों में खासकर 1 और 2 जनवरी तक बना रहेगा।
राज्य के उत्तरी भागों में तापमान में भारी गिरावट के चलते कुछ हिस्सों में शीतलहर का प्रकोप शुरू हो गया है। पाले की संभावना भी हरियाणा के कुछ इलाकों में बढ़ गई है। उम्मीद है कि 1-2 जनवरी के बाद स्थितियों में बदलाव आएगा। 2 से 5 जनवरी के बीच हरियाणा के कुछ इलाकों में बारिश देखने को मिल सकती है। उस दौरान दिन के तापमान में गिरावट आएगी जबकि रात का तापमान बढ़ जाएगा।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
तापमान में निरंतर गिरावट को देखते हुए पालक की फसल में नियमित सिंचाई करते रहें तथा खड़ी फसल में दो बार नाइट्रोजन (हर बार 22 कि.ग्रा. खाद प्रति एकड़) दें।
मूली, शलजम व गाजर जैसी जड़ वाली फसलों में सिंचाई करें और खुली हुई जड़ों पर मिट्टी चढ़ाएँ। इन सब्जियों की विलायती किस्मों की बिजाई छोटे पैमाने पर इस समय भी की जा सकती है।
मटर की फसल में इस समय यूरिया का उपनिवेशन किया जा सकता है। मटर की फसल में यूरिया 13 किग्रा. प्रति एकड़ कि दर से देकर सिंचाई करें। पछेती फसल में निराई करें व खर-पतवार निकालें। आर्द्रता बढ़ने के कारण कीटों का प्रकोप भी बढ़ सकता है। थ्रिप्स से बचाव के लिए प्रति एकड़ 60 मि.ली. साइपरमेथ्रिन 25 ई.सी. 200-250 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
पत्ती में सुरंग बनाने वाले कीटों से बचाव के लिए 400 मिली. रोगोर 30 ई.सी. या 500 मि.ली. एनिथ्यो 25 ई.सी. 200-250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
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