आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा में 29 अप्रैल से 5 मई के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
29 अप्रैल से 2 मई के बीच हरियाणा के कुछ हिस्सों में खासतौर पर हिमालय की तराई से सटे जिलों और पूर्वी जिलों में आंशिक बादल छाते रहेंगे और कुछ स्थानों पर आंधी व बारिश देखने को मिलेगी।
3 मई से राज्य में बारिश बढ़ने की संभावना है। अनुमान है कि 3 से 5 मई के बीच चंडीगढ़, पंचकुला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, करनाल, सोनीपत, पानीपत, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, पलवल, फ़तेहाबाद, सिरसा, जींद, रोहतक, झज्जर सहित लगभग सभी जिलों में बारिश देखने को मिलेगी।
दक्षिणी जिलों में अपेक्षाकृत कम बारिश होगी। उत्तरी हिस्सों में मध्यम से तेज़ बौछारें भी गिर सकती हैं। बारिश के चलते इस सप्ताह तापमान नियंत्रण में रहेगा।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
पिछले दिनों में हुई वर्षा तथा इस सप्ताह कुछ दिनों में इसके जारी रहने की संभावना को देखते हुए किसनों को सलाह है कि कटाई, सिंचाई, छिड़काव, रोपाई आदि को अभी रोक दें।
01 मई से मौसम के साफ हो जाने के अनुमान को देखते हुए यह कृषि कार्य फिर से शुरू करें। मौसम साफ हो जाने पर मूली की फसल में मिट्टी की नमी के अनुसार सिंचाई करें व खरपतवार निकालें। गर्मी की मूली के लिए केवल पूसा-चेतकी किस्म का ही प्रयोग करें। बाहर निकली हुई जड़ो पर मिट्टी चढ़ाएँ, जड़ो को सख्त होने से पहले उखाड़ लें।
कीट-पतंगो से रक्षा के लिए 250 मि.ली. मैलाथियान 50 ई.सी. को 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ फसल पर छिड़कें।
किसानों को सुझाव है कि आगामी फसलों में लगने वाले बीजों और खाद की अग्रिम व्यवस्था कर लें। अमरीकी कपास (नरमा) की उन्नत किस्म अगर गेहूं काटने के बाद बोनी है तो बिजाई के समय खेत में 38 कि.ग्रा. यूरिया व 75 कि.ग्रा. सुपर फॉस्फेट प्रति एकड़ दें।
रेतीली ज़मीन में 10 कि.ग्रा. ज़िंक सल्फेट बिजाई के समय अवश्य डालें। पोटाश की कमी वाले खेत में 20 कि.ग्रा. म्युरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ बिजाई के समय डालें।
यदि कपास खाली पड़ी ज़मीन पर बोनी हो तो बिजाई के समय केवल सुपरफॉस्फेट तथा पोटाश ही डालें। बाद में पौधे छिद्दा करते समय ऊपर बताई गयी यूरिया की मात्रा दें।
गन्ने की फसल में फुटाव के शुरुआती दौर में तना भेदक का प्रकोप हो सकता है, इसकी रोकथाम के लिए ट्राईको-कार्ड का प्रयोग करें, प्रति एकड़ ट्राईको-ग्रैमा से पैरासाइट किए गए कोर्सेरा के 20000 अंडे वाले कार्ड का प्रयोग करें, 10 दिन बाद इसे पुनः दोहराएँ।
टमाटर की फसल में फल छेदक कीट का प्रकोप भी इस समय बढ़ सकता है, इसकी रोकथाम हेतु मौसम साफ हो जाने पर 30 मि.ली. फेम या 60 मि.ली. कोराजेन को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें।
Image credit: Business Line
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