आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा में 15 से 21 अप्रैल के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
15 और 16 अप्रैल को हरियाणा के लगभग सभी भागों में मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि इस दौरान उत्तर भारत के पहाड़ों पर बारिश का मौसम बना रहेगा इसलिए आंशिक बादल आते-जाते रहेंगे और कहीं -कहीं आँधी या गर्जना के साथ बूँदाबाँदी हो सकती है।
17 अप्रैल से मौसम करवट लेगा और राज्य के कई इलाकों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। अनुमान है कि 17 से 19 अप्रैल के बीच सिरसा, फ़तेहाबाद, हिसार, भिवानी, पलवल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, झज्जर, सिरसा, सोनीपत, पानीपत, रोहतक, हिसार, जींद, पंचकुला, चंडीगढ़, अंबाला, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, फ़तेहाबाद, समेत अधिकतर जिलों में बारिश हो सकती है।
बारिश के कारण इस सप्ताह बढ़ते हुए तापमान में ब्रेक लग जाएगी।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री....
जिन इलाकों में वर्षा की संभावना है वहाँ किसानों को सलाह है कि काटी जा चुकी या खलिहानों में रखी हुई फसल की सुरक्षा सुनिश्चित करें। मौसम साफ हो जाने पर फसलों की गहाई का काम करें। बिजली के खंभो व तारों के नीचे फसल का ढेर कदापि न रखें। थ्रेशर के पास पानी और रेत अवश्य रखें ताकि आग लगने की स्थिति में उस पर काबू पाया जा सके।
कोविड़-19 (कोरोना वायरस) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि फसलों की कटाई व मड़ाई मशीनों द्वारा ही करें। किसान और खेत श्रमिकों से विनम्र आग्रह है कि आपस में दूरी बनाए रखें। अपने मुंह को ढँक कर रखें। आप देश के अन्न दाता हैं, आपका सुरक्षित और स्वस्थ रहना देश के लिए अनिवार्य है।
बरसीम का शुद्ध बीज तैयार करने के लिए फसल से कासनी पौधों को निकाल देना चाहिए, फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। लूसर्न की कटाई के लिए अभी समय उपयुक्त है। दूसरी फसल कटने के बाद बरसीम में टोका कीट का प्रकोप हो सकता है, चारे वाली फसलों में इसकी रोकथाम के लिए 400 मि.ली. मेलाथियान 50 ई.सी. को 300 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें।
Image credit: News Nation
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