आइये जानते हैं गुजरात में 21 से 27 नवंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम।
गुजरात में इस सप्ताह में बारिश की संभावना नहीं है। लगभग 1 महीने से गुजरात में बारिश नहीं हुई है। यह गुजरात के लिए सामान्य मौसमी स्थिति है क्योंकि आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर महीने में गुजरात में बारिश बहुत कम होती है।
गुजरात में इस सप्ताह भी बारिश के आसार नहीं हैं। सूरत, बड़ौदा, अहमदाबाद, गांधीनगर, राजकोट, जामनगर, द्वारका, ओखा, भुज समेत लगभग सभी शहरों में मौसम साफ और शुष्क बना रहेगा।
अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर पूर्वी दिशा से बहने वाली ठंडी हवाओं के प्रभाव से दिन और रात के तापमान में हल्की गिरावट संभव है। उसके बाद हवाओं की दिशा बदल सकती है तथा पूर्वी या दक्षिण पूर्वी दिशा से हवाएं चलेंगी जिससे तापमान में अधिक उतार-चढ़ाव नहीं होगा। 27 नवंबर से एक बार फिर उत्तर पूर्वी दिशा से ठंडी हवाओं के चलने के कारण गुजरात में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।
इस मौसम का फसलों पर कैसा होगा असर
शुष्कमौसम को देखते हुए सुझाव है कि फसलों की बुवाई जारी रखें। गेहूं, जीरा, चना व धनिया की बिजाई हेतु प्रमाणित व रोग प्रतिरोधी बीजों का प्रयोग करें। इन फसलों में खरपतवार की रोकथाम हेतु 70 मिली पेंडीमेथालिन 10 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के बाद अंकुरण से पहले छिड़कें।
आरंडी में बुआई के 100 दिन बाद नाइट्रोजन की तीसरी खुराक 40 कि.ग्रा (87 कि.ग्रा.) प्रति हेक्टेयर की दर से दें। आरंडी की फसल में पत्ता खाने वाले सूँडी की रोकथाम के लिए 50 मि.ली. नीम आधारित कीटनाशक या 25 मि.ली. क्यूनालफॉस 10 लीटर पानी मे मिलाकर छिड़कें।
आलू की फसल में भी रासायनिक उर्वरकों की बेसल खुराक देने हेतु मौसम उपयुक्त है। इसके लिए 75 कि.ग्रा. अमोनियम सल्फेट, 175 कि.ग्रा. डी.ए.पी. तथा 140 कि.ग्रा. म्यूरिएट ऑफ पोटाश, 8 कि.ग्रा. सूक्ष्म-पोषक व 5 कि.ग्रा. सल्फर प्रति एकड़ की दर से दें।
टमाटर की रोपाई करने के लिए भी अभी मौसम उपयुक्त है, फसल को फफूंद जनक रोगों से बचाने हेतु रोपाई से पूर्व खेतों में ट्राईकोडर्मा विरिडी जैविक फफूंदनाशी का छिड़काव 5 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर की दर से करें। रासायनिक उर्वरकों की बचत हेतु रोपाई से पहले पौधों की जड़ों को एन.पी.के. बैक्टीरिया के घोल (30 मि.ली. एन.पी.के. बैक्टीरिया 10 लीटर पानी में) में 10 मिनट तक भिगो कर रखें।
कपास की फसल में गुलाबी बॉल-वर्म की रोकथाम के लिए खेत में लाइट ट्रेप व फेरोमोन ट्रेप लगाएँ। खीरे की फसल में चूसक व लीफ माइनर कीट की रोकथाम हेतु खेत में स्टिकी ट्रेप का प्रयोग करें व 20 मि.ली. ट्राईएज़ोफॉस को 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
Image credit: Factor daily
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।