गुजरात का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान और फसलों से जुड़ी सलाह। 26 दिसम्बर 2020 से 1 जनवरी 2021 के बीच कैसा रहेगा मौसम और क्या है फसलों से जुड़ी सलाह
गुजरात में पिछले सप्ताह से ही मौसम साफ और शुष्क बना हुआ है। इस सप्ताह भी राज्य में मौसम मुख्यतः साफ़ और शुष्क बने रहने की संभावना है। इस सप्ताह के साथ ही पोस्ट मॉनसून सीजन समाप्त हो जाएगा। इस साल के पोस्ट मॉनसून सीजन में गुजरात के पूर्वी हिस्सों में सामान्य से 20% कम, 30 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में सामान्य से 36% ज़्यादा 37 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
28 दिसम्बर तक गुजरात के सभी भागों में उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी दिशा से हवाएँ चलती रहेंगी। 29 दिसम्बर से सूरत, वलसाड, नवसारी, बड़ौदा, अहमदाबाद और आसपास के भागों में हवाओं की दिशा बदलकर दक्षिणी या दक्षिण-पूर्वी हो जाएगी। जिससे इन भागों में तापमान बढ़ेगा जबकि कच्छ और सौराष्ट्र में पूरे सप्ताह उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण तापमान सामान्य से नीचे बना रहेगा।
इस पूरे सप्ताह सूरत, अहमदाबाद, गांधीनगर, मेहसाना, पाटन, सबरकांठा, बनासकांठा, राजकोट, द्वारका, वेरावल, सोमनाथ, नलिया और भुज समेत गुजरात के सभी भागों मौसम साफ और शुष्क रहने की संभावना है।
गुजरात के किसानों के लिए फसल सलाह
चने की फसल में नाइट्रोजन 20 किलोग्राम: फास्फोरस 40 किलोग्राम: सल्फर 20 किलोग्राम: के अनुपात में प्रति हेक्टेयर की दर से डालें। उर्वरकों का छिड़काव ऊपर से ना करें बल्कि इसे जमीन पर फैलाएं। ऊपर से छिड़काव करने से फसल की वानस्पति वृद्धि तेज़ी से होती है जिससे फूल निकलने में देरी होती है।
प्याज की फसल में थ्रिप्स के कारण पत्तियों पर छोटे-छोटे सफेद धब्बे दिखाई देने लगते हैं। संक्रामण बढ़ने पर ऊपर से नीचे की तरफ पत्तियां सूखने लगती है। इसके नियंत्रण के लिए डायमेथोएट 20 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
कैस्टर यानि अरंडी की फसल में इस समय पत्ती एवं फल छेदक कीड़े के संक्रमण की संभावना रहती है। इसका संक्रमण फूल निकलने की अवस्था में होता है और फसल के परिपक्व होने तक बना रहता है। इसके नियंत्रण के लिए क्विनालफॉस 20 मिलीलीटर या कोराज़ेन 10 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
Image credit: DNA India
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