गुजरात का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान और फसलों से जुड़ी सलाह। 23 से 29 जनवरी 2021 के बीच कैसा रहेगा मौसम और क्या है फसलों से जुड़ी सलाह
गुजरात में रबी सीजन में मुख्यतः कपास, गेहूं, सरसों, जीरा और गन्ने की खेती होती है और जनवरी महीने में गुजरात में बहुत कम बारिश होती है यानि जनवरी महीने में गुजरात के अधिकांश इलाकों में मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहता है।
कम बारिश होती है इसका अंदाज़ा औसत वर्षा के आंकड़ों से लगा सकते हैं। 1 जनवरी से 23 जनवरी के बीच गुजरात के पूर्वी क्षेत्रों में औसतन 0.7 मिमी और सौराष्ट्र तथा कच्छ में 0.3 मिमी बारिश होती है। जबकि इस बार पूर्वी क्षेत्रों में बारिश हुई 2.5 मिमी जो सामान्य से 250% ज़्यादा है। हालांकि सौराष्ट्र और कच्छ में 100% की कमी है यानि बारिश बिलकुल नहीं हुई।
पिछले हफ्ते की तरह ही इस सप्ताह भी गुजरात में बारिश की संभावना नहीं है। सूरत, वलसाड, अमरेली, अहंबेदाबाद, बड़ौदा, गांधीनगर, मेहसाना, पाटन, सबरकांठा, बनासकांठा, राजकोट, द्वारका, सोमनाथ, कच्छ समेत सभी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहेगा। 23 से 27 जनवरी के बीच उत्तर-पश्चिमी दिशा से ठंडी हवाओं का प्रभाव रहेगा जिससे इस दौरान तापमान में कुछ गिरावट हो सकती है। 28 जनवरी से हवाओं का रुख बदल जाएगा और तापमान में हल्की वृद्धि शुरू हो जाएगी।
गुजरात के किसानों के लिए फसल सलाह
तापमान में बदलाव के कारण फसलों का विकास प्रभावित हो सकता है। पौधे पीले पड़ सकते हैं। इसके लिए यूरिया का प्रयोग करें। गेहूं में डंठल खाने वाले कीटों को नियंत्रित करने के लिए पैलिट्रिन-सी या डीडीवीपी 10 मिली प्रति 10 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
अगर जीरे की फसल कमजोर है, तो प्रभावित पौधों पर बाविस्टिन10 ग्राम या सीओसी 30 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। पर्पल ब्लोच रोग से बचाव के लिए 3 मिलीलीटर नैटिवो और एमिस्टार्टॉप 10 लीटर पानी की दर से स्प्रे में करें।
आनंद आसपास के जिलों में तम्बाकू, टमाटर और मिर्च की फसलों में कीटरों और रोगों के संक्रमण पर निगरानी करते रहें। आवश्यकता पड़ने पर उचित उपचार करें।
Image credit: The Indian Express
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