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[Hindi] बिहार का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (18-24 जुलाई, 2020) और फसल सलाह

July 18, 2020 6:56 PM |

आइए जानते हैं बिहार में इस सप्ताह यानि 18 से 24 जुलाई के बीच कैसा रहेगा मौसम। जानेंगे फसलों से जुड़ी सलाह भी।

बिहार में 1 जून से 17 जुलाई के बीच सामान्य से 41% अधिक वर्षा हुई है। कह सकते हैं कि साल 2020 का मॉनसून सबसे अधिक बिहार पर ही मेहरबान है। न सिर्फ बीते समय में बिहार में अधिक मॉनसून वर्षा हुई है बल्कि आने वाले समय में भी मॉनसून की मेहरबानी बिहार के तमाम जिलों पर बने रहने की संभावना है।

बिहार में इस सप्ताह भी कई जगहों पर अच्छी वर्षा होने की संभावना है। 18 जुलाई को भागलपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, सुपौल और आसपास के अन्य जिलों समेत बिहार के पूर्वी और उत्तरी इलाकों में अधिक वर्षा के आसार हैं।

उम्मीद है कि बारिश की गतिविधियां 19 जुलाई से तेज़ हो जाएंगी और 19 जुलाई से लेकर 24 जुलाई तक बिहार के लगभग सभी जिलों में वर्षा देखने को मिलेगी। इस दौरान पटना, गया, सिवान, गोपालगंज, जहानाबाद, चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी समेत कई जिलों में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है।

मूसलाधार वर्षा के चलते बिहार के कुछ इलाकों में इस हफ्ते भी जलभराव की स्थिति पैदा हो सकती है। साथ ही कहीं-कहीं पर नदियां फिर से उफान पर हो सकती हैं। इससे सामान्य  जन-जीवन प्रभावित होगा। लेकिन राहत की बात है कि बीते दिनों जैसी भारी वर्षा की आशंका फिलहाल इस सप्ताह नहीं है। 

बिहार के किसानों के लिए फसल सलाह

धान की रोपनी का कार्य जारी रखें। मूँग की पकी हुई फलियाँ तोड़ कर पौध को जमीन में दबा दें और 8-10 दिन सड़ने के बाद विधिवत कादो करके धान की रोपनी करें। धान के खेत में घासों से निजात पाने के लिए धान रोपने के 3-4 दिनों बाद प्रेटिलाक्लोर 50 ई.सी. अथवा ब्युटाक्लोर 50 ई.सी की 2 किग्रा 40 से 50 किग्रा बालू में मिलाकर प्रति हेक्टेयर भुरकाव करें।

मक्के की फसल में अधिक पानी न लगे अन्यथा बारिश एक साथ तेज हवा चलने से फसल गिर सकती है। पौधे 50-60 सेमी के हो जाएँ तब यूरिया का छिड़काव कर जड़ों पर मिट्टी चढ़ाएं।

मौसम अनुकूल होने पर अरहर की बुवाई करें। 20 किग्रा बीज प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। उर्वरता प्रबंधन हेतु प्रति हेक्टेयर 100 कि.ग्रा. डी.ए.पी. उर्वरक का भी प्रयोग करें। अरहर की फसल में बरसात के दिनों में खरपतवारों की अधिकता होती है अतः बुवाई के तुरंत बाद पेंडीमेथालिन 30 ई.सी. तृणनाशी की 3.0 लीटर मात्रा को प्रति हेक्टेयर की दर से 600 से 700 लीटर पानी में मिलाकर खेत में छिड़काव करें।

Image credit: News Gram

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