देश में इस वर्ष दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून की शुरुआत 4 दिन की देरी से हुई। केरल में यह 1 जून की बजाए 5 जून को पहुंचा। हालांकि इस देरी से मॉनसून के प्रदर्शन में अब तक कोई कमी नहीं हुई है। जून के पहले हफ्ते यानि कि 1 से 7 जून के बीच सामान्य मॉनसूनी बारिश दर्ज की गई। स्काइमेट के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार उत्तर पश्चिमी भारत में सामान्य से 27% अधिक जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में 13% अधिक बारिश जून के पहले हफ्ते में हुई। केवल मध्य भारत के भागों में सामान्य से 26 फीसदी कम बारिश हुई है। उधर प्रायद्वीपीय भारत में महज़ 5% कम वर्षा हुई है, जो मौसम विज्ञान की नज़र में सामान्य बारिश है (+19% या -19% बारिश को सामान्य बारिश ही माना जाता है)। कुल मिलकर कह सकते हैं कि देश में जून के पहले हफ्ते में सामान्य बारिश दर्ज की गई है।
इसके अलावा 8 से 14 जून के बीच यानि दूसरे हफ्ते में हुई बारिश और अधिक उत्साहजनक रही, जब देश के अधिकांश हिस्सों में वर्षा की गतिविधियां बनी रहीं। मॉनसून ने प्रायद्वीपीय और पूर्वोत्तर भारत में जब से दस्तक दी है, तब से लगातार अच्छी बारिश हो रही है। इसके अलवा मॉनसून के इंतज़ार में जून के पहले हफ्ते तक गर्मी से तप रहे भागों में भी हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते मध्यम बारिश से काफी राहत मिली है। दिल्ली में 13 जून को 26 मिलीमीटर बारिश हुई। इसी दिन पंजाब और हरियाणा में भी प्री-मॉनसूनी फुहारों ने लोगों को अच्छे से भिगोया।
देश भर में 1 से 14 जून के बीच 61.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो कि 55.7 मिलीमीटर के औसत से 11% अधिक है। पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में इसी दौरान 20% अधिक वर्षा हुई, मध्य भारत में 12% जबकि प्रायद्वीपीय (दक्षिणी राज्य) भारत में 1 फीसदी सामान्य से अधिक बारिश हुई है। 14 जून तक देश के लगभग 77% भू-भाग पर सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है।
Image Credit -The Hindu Businessline