मध्य प्रदेश में 2020 के मॉनसून सीजन में सबसे ज़्यादा बारिश अगस्त महीने में हुई है। यूं तो अगस्त की शुरुआत से ही राज्य के विभिन्न भागों में व्यापक वर्षा हुई। लेकिन सबसे ज़्यादा बारिश आखिरी हफ्ते में देखने को मिली। इस दौरान जबलपुर से लेकर होशंगाबाद, नरसिंहपुर, रायसेन, भोपाल, समेत कई जिलों में 24-24 घंटों की अवधि में बारिश तीन अंकों में यानि 100 मिमी या उससे भी अधिक हुई। गौरतलब है कि इस साल जून और जुलाई में मध्य प्रदेश के ज़्यादातर जिलों में सूखे जैसे हालात थे। अगस्त में हुई भारी बारिश ने काफी हद तक इस कमी की भरपाई कर दी। हालांकि इस बारिश के साथ कई जिलों में बाढ़ का संकट भी लोगों को देखने को मिला।
फिलहाल दो दिनों से मध्य प्रदेश पर बारिश नहीं हो रही है। लेकिन एक बार फिर से राज्य पर बारिश के लिए मॉनसून सक्रिय हो रहा है। अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश में रीवा, सतना, पन्ना, छतरपुर, खजुराहो, सिंगरौली, सीधी, शहडोल, जबलपुर, नरसिंहपुर, उमरिया, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, छिंदवाड़ा में बारिश देखने को मिलेगी। इसी दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश में श्योपुर, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ और उज्जैन में भी हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।
मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है और मॉनसून की अक्षीय रेखा इस सर्कुलेशन के आसपास है जिसके चलते राज्य के विभिन्न भागों पर फिर से मॉनसून सक्रिय हो रहा है। बारिश की गतिविधियां 3 सितंबर को बढ़ेंगी और उम्मीद है कि पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के साथ-साथ मध्य इलाकों में भी बारिश दर्ज की जाएगी। इस दौरान भोपाल, रायसेन, होशंगाबाद और आसपास के अन्य जिलों में भी बारिश हो सकती है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 4 और 5 सितंबर को एक बार फिर से बारिश में कमी आनी शुरू होगी। हालांकि उत्तरी और उत्तर-पूर्वी भागों में इन दो दिनों में भी हल्की बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी। उसके बाद 6 से 8 सितंबर के बीच बारिश के एक नया दौर देखने को मिलेगा। उस दौरान बारिश की तीव्रता अधिक होगी और बारिश का प्रभाव उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी जिलों पर अधिक रहने की संभावना है।
Image credit: City Blast
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