उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी भागों में पिछले 48 घंटों के दौरान हुई बारिश के चलते अधिकांश हिस्सों में तापमान में व्यापक गिरावट हुई है। कई स्थानों पर तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है। इस बदलाव से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। इस बीच मौसम फिर से शुष्क हो गया है और अब तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं।
उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बारिश देने वाले मौसमी सिस्टम अब लगभग निष्प्रभावी हो गए हैं। राजस्थान और इससे सटे हरियाणा व पंजाब पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र कमज़ोर हो गया है। इसके अलावा राजस्थान से मध्य प्रदेश तक बनी ट्रफ भी अब सक्रिय नहीं है जिससे इन भागों में गतिविधियों में व्यापक कमी आ गई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी हिमालयी राज्यों के पास बना पश्चिमी विक्षोभ कमज़ोर होते हुए आगे निकल रहा है। जबकि एक नया पश्चिमी विक्षोभ कल कश्मीर के पास आ जाएगा और पर्वतीय राज्यों को प्रभावित करेगा। हालांकि आगामी सिस्टम कमज़ोर है जिससे इसके प्रभाव से मैदानी राज्यों में कोई चक्रवात विकसित नहीं होगा और अगले कुछ दिनों तक मौसम साफ तथा शुष्क बना रहेगा।
हमारा अनुमान है कि मैदानी राज्यों में मौसम बदलकर शुष्क होने के चलते अगले 48 घंटों में तापमान में हल्की वृद्धि देखने को मिल सकती है। इस दौरान पारा 3-4 डिग्री बढ़कर सामान्य से ऊपर पहुँच सकता है। यानि पिछले दिनों की बारिश से मिली राहत के बाद अब अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, करनाल, हिसार, कुरुक्षेत्र, अंबाला, श्रीगंगानगर, कोटा, जयपुर, मथुरा, आगरा, अलीगढ़, सहारनपुर, मेरठ में लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ेगा।
[yuzo_related]
राजस्थान के दौसा, भरतपुर और आगरा सहित आसपास के भागों में बुधवार जैसी तूफानी तबाही से अब राहत रहेगी। गौरतलब है कि इन स्थानों पर भीषण तूफानी बारिश और रेतीली आँधी के चलते कई लोगों की मौत हो गई थी। इस बीच हमारा अनुमान है कि 8 मई को एक बार फिर से उत्तर-पश्चिमी राज्यों के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा और कुछ स्थानों पर धूलभरी आँधी तथा बादलों की गर्जना के साथ हल्की बौछारें गिरने के आसार हैं। एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता।
हालांकि आगामी दौर कुछ ही समय के लिए होगा और पिछली मौसमी हलचल जैसा नहीं होगा, जिससे जानमाल के नुकसान की आशंका कम ही है।
Image credit: Rajasthan About
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।