मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में पिछले कई दिनों से रुक-रुककर वर्षा की गतिविधियां जारी हैं। इस सप्ताह यानि 13 से 19 मार्च के बीच भी राज्य के पूर्वी क्षेत्रों में मौसम का मिलाजुला रूप दिखेगा।
मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में शुक्रवार, 13 मार्च को हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। बारिश का खासा प्रभाव सागर, सतना, पन्ना, रीवा, छतरपुर, खजुराहो, जबलपुर, कटनी, शहडोल, उमरिया और आसपास के जिलों पर दिखेगा।
इन भागों में 14 मार्च को बारिश जारी रहेगी। हालांकि बारिश की तीव्रता में कमी आ जाएगी। 15 मार्च से पूर्वी मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क हो जाएगा। हालांकि दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश में एक-दो स्थानों पर 15 मार्च को भी बारिश हो सकती है।
पश्चिमी मध्य प्रदेश में इस पूरे सप्ताह के दौरान मौसम शुष्क और गर्म रहेगा। राजधानी भोपाल से लेकर रतलाम, इंदौर, उज्जैन समेत पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं है।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
जिन इलाकों में वर्षा व ओलावृष्टि के आसार हैं, वहाँ सिंचाई, छिड़काव और बुआई अभी न करें। फसलों व पौधों को ओलावृष्टि से होने वाली क्षति से बचाने के लिए उचित उपाय करें। वर्षा के कारण जिन खेतों में जल-जमाव की स्थिति बन सकती है, वहाँ नालियाँ आदि बनाएँ ताकि अत्यधिक पानी निकल सके। मौसम साफ हो जाने पर पकी फसलों की कटाई करें।
फसलों की कटाई से पहले खलिहानों हेतु ऐसे उचित स्थान का चुनाव करें जहां आसपास बिजली के तार ना हों। जिन भागों में बारिश नहीं होने वाली वहाँ देर से बोई गई गेहूं की फसल में अवश्यतानुसार सिंचाई दें। गेहूँ में बालियाँ आने के बाद फव्वारा विधि से सिंचाई न करें।
कद्दूवर्गीय सब्जियों की बुवाई के लिए खेतों को भली भांति तैयार कर बुआई करें। गेहूँ एवं अन्य फसलों की कटाई के बाद फसल अवशेष न जलाएँ, अन्यथा मिट्टी की उर्वरता व जल धारण क्षमता तो कम होगी ही, वातावरण भी प्रदूषित होगा।
Image credit: India Today
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