देश के मध्य भागों में प्री-मॉनसून सीजन के दौरान सामान्य से बहुत अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। 1 मार्च से 28 मार्च के बीच मध्य भारत में सामान्य से 226% से ज्यादा बारिश हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान भी विदर्भ, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और मध्य महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में हल्की वर्षा हुई है।
इस समय एक ट्रफ रेखा केरल से मध्य महाराष्ट्र होते हुए छत्तीसगढ़ तक बनी हुई है। इसके चलते ही इन भागों में मौसम सक्रिय हुआ है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस समय एक साथ बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों तरफ से मध्य भारत के भागों पर आर्द्रता बढ़ रही है। अब बारिश की गतिविधियां और तेज होने वाली हैं।
अनुमान है कि अगले 48 घंटों के दौरान महाराष्ट्र के विदर्भ और इससे सटे दक्षिणी मध्य प्रदेश तथा दक्षिणी छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। मध्य महाराष्ट्र के उत्तरी इलाकों में भी कुछ स्थानों पर वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। इन सभी भागों में अगले कुछ दिनों तक अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे बना रहेगा।
दूसरी ओर मध्य प्रदेश के बाकी हिस्सों, राजस्थान और गुजरात तथा महाराष्ट्र के कोंकण गोवा क्षेत्र में मौसम साफ और शुष्क रहेगा। इन भागों में बारिश की संभावना नहीं है जिससे इन क्षेत्रों में दिन का तापमान लगातार बढ़ता रहेगा। कई जगहों पर पारा सामान्य से ऊपर पहुंच सकता है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में भी बारिश के आसार नहीं है लेकिन दक्षिण छत्तीसगढ़ में कल यानी 30 मार्च को बारिश बढ़ सकती है।
मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटीय भागों में मौसम साफ होने के कारण गर्मी काफी तेज हो जाएगी। मध्य भारत के उन शहरों में तापमान 40 डिग्री तक पहुँच सकता है जहां बारिश नहीं होगी।
Image credit: India Today
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