नवंबर महीने में देश भर में मौसम में हलचल बढ़ जाती है। सबसे अधिक मौसमी गतिविधियां दक्षिण भारत के राज्य में होती हैं जहां उत्तर-पूर्वी मॉनसून दक्षिणी राज्यों में इस महीने में अच्छी बारिश देता है। दूसरी ओर उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में इस महीने अधिकांश स्थानों पर कई बार बारिश और बर्फबारी होती है। कुछ इलाकों में ओले भी पढ़ते हैं।
इसी तरह पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में यह महीना आमतौर पर अच्छी वर्षा देकर विदा होता है। मध्य भारत एक मात्र ऐसा क्षेत्र है जहां नवंबर महीने में मौसम की बेरुखी जारी रहती और मौसम ज्यादातर समय शुष्क और शांत रहता है। हालांकि इस दौरान तापमान में कमी आती है और सर्दी बढ़ जाती है।
उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी राज्यों में नवंबर महीने में पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम कई बार सक्रिय होता है और अधिकांश स्थानों पर बारिश देखने को मिलती है। यही वह समय होता है जब उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में भी मौसम में बदलाव दिखाई देते हैं क्योंकि सर्दियां अधिकांश हिस्सों में शुरू हो जाती हैं। नवंबर में कोहरा भी छाने लगता है और दूसरे पखवाड़े तक कुछ भागों में घना कोहरा भी छाने लगता है।
इसके अलावा नवंबर महीने में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों समुद्री तटों पर चक्रवाती तूफान उठने की भी आशंका रहती है। इसमें बंगाल की खाड़ी में उठने वाले तूफान भारत के पूर्वी तटीय भागों को नुकसान पहुंचाते हैं जबकि अरब सागर में बनने वाले तूफान उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे निकल जाते हैं जिससे भारत के तटीय भागों को कोई नुकसान नहीं होता। नीचे दिए गए टेबल में बीते कुछ वर्षों में नवंबर में बारिश की स्थिति आप देख सकते हैं
टेबल के आंकड़ों के आधार पर यह समझ सकते हैं कि बीते 7-8 वर्षों में बारिश में बड़ा अंतर रहा है। 2011 से लेकर पिछले साल तक नवंबर महीने में दो बार ही ऐसा अवसर आया जब सामान्य से अधिक बारिश हुई जबकि बाकी वर्षों में सामान्य से कम वर्षा रिकॉर्ड की गई।
इस बीच देश के कई हिस्सों में 1 नवंबर से ही मौसम में हलचल बढ़ गई है। उत्तर भारत के पहाड़ों पर अच्छी बारिश और बर्फबारी देखने को मिल रही है तो दक्षिणी राज्यों में उत्तर-पूर्वी मॉनसून के आगमन के बाद बारिश की गतिविधियां तेज हो गई हैं। इन भागों में रुक-रुक कर नवंबर महीने में हलचल जारी रहेगी।
Image credit: LiveMint
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