इस साल मानसून ने देश के लगभग 80% क्षेत्र को समय से पहले ही कवर कर लिया। बंगाल की उत्तरी खाड़ी के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र मानसून को पूर्वी उत्तर प्रदेश तक धकेलने में सहायक रहा। इसी तरह, देश के पश्चिमी तट पर मानसून की इस कम दबाव के क्षेत्र में खिंचाव के कारण सक्रिय बना रहा। और मानसून समय से पहले दक्षिण गुजरात पहुंच गया।
25 जून की स्थिति के अनुसार, देश के अधिकांश पूर्वी राज्यों में मानसून सामान्य से अधिक बना हुआ है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 167%, बिहार में 136%, झारखंड में 73% और पश्चिम बंगाल को 29% सरप्लस बारिश मिल चुकी है। जून के तीसरे सप्ताह में ओडिशा में बहुत भारी बारिश दर्ज की गई थी, लेकिन तब से राज्य में बारिश में कमी आई है और 25 जून तक यह सिर्फ 1% अधिक है।
पिछले 10 से 15 दिनों से देश के पूर्वी हिस्सों में कम दबाव का क्षेत्र या चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा, ट्रफ रेखा पूर्वी यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से भी गुजर रही है। जून के शेष दिनों के दौरान पूर्वी यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों में कुछ भारी बारिश के साथ मध्यम बारिश जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, देश के कुल वर्षा का आंकड़ा जुलाई के पहले सप्ताह तक कम होता रहेगा। लेकिन पूर्वी भारत तब तक देश का सबसे अधिक बारिश वाला हिस्सा बना रहेगा।
हमें 6 या 7 जुलाई तक मॉनसून के आगे बढ़ने की उम्मीद नहीं है। इसलिए, दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में गर्म और आर्द्र मौसम जारी रहेगा।