[Hindi] उत्तर भारत में सर्दी रही गर्म, गेहूं की उत्पादकता घटने के आसार

February 2, 2016 5:48 PM | Skymet Weather Team

उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के भागों में बीते 48 घंटों से तापमान में गिरावट का क्रम देखने को मिल रहा है। इससे पहले पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में न्यूनतम तापमान बढ़ते हुए 2 अंकों में पहुँच गया था। हालांकि उत्तर से आने वाली सर्द हवाओं के प्रभाव से विगत 48 घंटों में तापमान में 5 से 10 डिग्री सेल्सियस की व्यापक कमी दर्ज की गई।

अगले 3-4 दिनों तक तापमान इसी स्तर पर बना रहेगा। स्काइमेट का अनुमान है कि 6 फरवरी को उत्तर भारत को एक नया पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित करेगा जिसके चलते उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में भी बादल छाने और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम में आने वाले इस बदलाव से दिल्ली सहित अधिकांश क्षेत्रों में पारा एक बार फिर से 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा।

मौसमी परिदृश्यों के आंकलन से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि सर्दी जल्द ही विदाई ले सकती है। यह फसलों के लिहाज से अच्छा नहीं है। इससे पहले भी इस शीत ऋतु में अधिकांश समय मौसम सामान्य से अधिक गर्म बना रहा। उत्तर भारत में असामान्य मौसम के चलते सरसों और गेहूं की फसलों की उत्पादकता पर नकारात्मक असर देखने को मिलेगा। इन फसलों के लिए लंबे समय तक न्यूनतम तापमान 5 डिग्री पर रहना लाभदायक होता है, जिसकी इस बार बेहद कमी देखने को मिली।

अधिक तापमान के प्रभाव से ना केवल फसलों की उत्पादकता पर असर पड़ेगा बल्कि अनाज की गुणवत्ता भी खराब होने की आशंका है। गर्म मौसम के चलते फसलें समय से पहले परिपक्व हो जाती हैं लेकिन उत्पादन में कमी आने और अनाज की गुणवत्ता खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। फरवरी और मार्च में मौसम गर्म ही रहने का अनुमान है। मार्च में भी तापमान सामान्य से अधिक बने रहने की संभावना है। अपेक्षित मौसम के अभाव में फसलों को पहले से ही नुकसान हो रहा है। मार्च के आखिर में और अप्रैल के शुरुआत में भी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के रूप में खड़ी फसल और फसलों की कटाई मड़ाई पर मौसम की मार पड़ सकती है जो फसलों को व्यापक रूप में नुकसान पहुंचा सकती हैं।

Image credit: tribuneindia

 

 

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