मध्य प्रदेश पर मॉनसून का उग्र रूप देखने को मिल रहा है। अगस्त के आरंभ से कई इलाकों में ज़बरदस्त मॉनसून वर्षा देखने को मिल रही है। यही कारण है कि कुछ हिस्सों में बाढ़ का संकट भी देखने को मिला है।
इस समय भी मॉनसून सिस्टम बंगाल की खाड़ी से उठने के बाद ओडिशा और छत्तीसगढ़ को पार कर मध्य प्रदेश पर पहुंचा है। इसके प्रभाव से बीते दो दिनों से पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियां बढ़ी हैं। बीते 24 घंटों के दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर मूसलाधार वर्षा दर्ज की गई।
स्काइमेट के पास उपलब्ध बारिश के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में बीते 24 घंटों में बारिश की तबाही देखने को मिली जब इस दौरान 300 मिलीमीटर की भीषण वर्षा हुई। इसके अलावा राजनन्दगाँव में 112 मिमी, सिवनी में 98 मिमी, मलञ्ज्खंद में 95 मिमी, खजुराहो में 75 मिमी, छिंदवाड़ा में 72 मिमी, टीकमगढ़ में 68 मिमी वर्षा देखने को मिली।
जून और जुलाई में मध्य प्रदेश पर मॉनसून का प्रदर्शन अच्छा नहीं हुआ था जिसके चलते बीते कुछ दिनों तक मध्य प्रदेश के दोनों क्षेत्रों पर बारिश सामान्य से बहुत पीछे हो गई थी। लेकिन अगस्त में मॉनसून मध्य भारत के लिए सुधरा और मध्य प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी दोनों ही भागों में काफी अच्छी बारिश देखने को मिली। पश्चिमी मध्य प्रदेश अब तक सामान्य से 7% अधिक वर्षा हो चुकी है जबकि पूर्वी भागों में 3% कम वर्षा दर्ज की गई है।
वर्तमान गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र भी पश्चिमी दिशा में बढ़ते हुए मध्य प्रदेश के मध्य और पश्चिमी भागों को सबसे अधिक प्रभावित करने वाला है। अनुमान है कि अगले दो-तीन दिनों के दौरान मध्य प्रदेश के मध्य हिस्सों से लेकर पश्चिमी जिलों तक भारी बारिश दर्ज की जाएगी। अगले 24-48 घंटों के दौरान नरसिंहपुर, सागर, दमोह, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, बेतुल, हरदा, भोपाल में मूसलाधार वर्षा के आसार हैं।
24 घंटों के बाद इस सिस्टम का असर पश्चिमी हिस्सों पर दिखाना शुरू होगा। उम्मीद है कि 29 और 30 अगस्त को राजगढ़, शाजापुर, मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, आगर मालवा और आसपास के कई जिलों में भीषण वर्षा का अनुमान है। इसी दौरान गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, भिंड मुरैना, श्योपुर में भी मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
Image credit: National Herald
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