गुजरात में बीते कल यानी सोमवार को मॉनसून का व्यापक रूप देखने को मिला। मॉनसून की व्यापक स्थिति के कारण राज्य में भारी से बेहद मूसलाधार बारिश देखने को मिली। अगर राजकोट की बात करें तो महज 24 घंटों में 216 मिमी के साथ बारिश का भीषण रूप देखने को मिला। बेहद भारी बारिश की यहां बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये हैं।
राजकोट में बीते 24 घंटे में दर्ज की गई बारिश पिछले एक दशक में जुलाई के दौरान होने वाली यह दूसरी सबसे बड़ी बारिश है। हालांकि, तीन अंकों की बारिश शहर के लिए नई नहीं है। यहां नियमित रूप से मानसून महीनों के दौरान भारी बारिश होती है।
अगर पिछले रिकॉर्ड की बात करें तो, 15 जुलाई 2017 को केवल 24 घंटों में राज्य में 347.6 मिमी बारिश देखी गई थी जबकि 14 जुलाई, 1975 को बारिश का सर्वकालिक उच्च रिकॉर्ड 375.2 मिमी था।
स्काइमेट के अनुसार, कई सारे मॉनसूनी सिस्टम इस समय राज्य को प्रभावित कर रहे हैं, जिसके कारण भारी बारिश देखने को मिल रही है। इस समय, मानसून की अक्षीय रेखा भी गुजरात के समीप से ही गुजर रही है। साथ ही, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और उससे सटे कच्छ तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इन सब के अलावा, अरब सागर से आने वाली तेज हवाएं भी राज्य में पहुंच रही है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अब मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर दिशा की ओर बढ़ेगी लेकिन चक्रवाती क्षेत्र के यहीं बने रहने की संभावना है। जिसके कारण हमारा अनुमान है कि आज यानि मंगलवार को भी राज्य में मध्यम बारिश जारी रहेगी। जिसके बाद 1अगस्त को भी अच्छी मानसूनी बारिश होने की उम्मीद है। राज्य में 3 अगस्त तक रुक-रुक कर बारिश की गतिविधियां होती रहेगी।
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253.4 मिमी औसत बारिश के साथ राजकोट के लिए जुलाई का महीना अच्छी बारिश वाला महीना रहा है। अब तक, शहर में कुल 323 मिमी बारिश दर्ज की गई है और संभवतः दो और दिनों में होने वाली बारिश के साथ, हम इस आंकड़े के और बढ़ने की उम्मीद करते हैं।
राजकोट सिंचाई सर्कल के बाढ़ नियंत्रण कक्षों के अनुसार, शहर के 46 बांधों ने वर्षा की सूचना दी है। जिले में Aji-II और Nyari-II बांधों ने 2,731 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड (क्यूसेक) और 810 क्यूसेक दर्ज किया।
Image Credit: I Am Gujarat
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