हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी राज्य पर पिछले कुछ दिनों से जोरदार मॉनसून की स्थिति बनी हुई है। हिमाचल के ज्यादातर स्थानों पर बीते 36 से 48 घंटों के दौरान भारी से बेहद भारी वर्षा दर्ज हुई है। इस बारिश के कारण पूरे राज्य में कई स्थानों पर बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति देखी जा रही है।
प्रदेश में मानव जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। मीडिया में आ रही ख़बरों के अनुसार, शनिवार यानि 17 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में 323 स्थानीय सड़कों के साथ चार राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहे तथा पालमपुर के एक गाँव में बादल फटने की भी खबरें सामने आ रही है । इसके अलावा, शनिवार को कांगड़ा और धर्मशाला के सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में कई शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। चंबा जिले में आयोजित मणिमहेश यात्रा को भी स्थगित कर दिया गया है।
हिमाचल के कई सारे जगह जैसे नाहन, शिमला, कांगड़ा, धर्मशाला, चंबा और मंडी के इलाकों में आज भी भारी बारिश रिकॉर्ड की जा रही है।
राजस्थान तथा उससे सटे हरियाणा के भागों में बने सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और निम्न दबाव क्षेत्र की मौजूदगी के कारण हिमाचल प्रदेश में ऐसी मौसमी स्थिति बनी हुई है।
हालांकि, अब दोनों मौसमी प्रणालियां पूर्वोत्तर दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही हैं। इसलिए,हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर अगले 24 घंटों के दौरान भारी वर्षा की स्थिति जारी रहने की संभावना है। इन बारिशों से बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति और खराब होने की आशंका है।
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अगले 24 घंटे के बाद, इस सिस्टम के पूर्वोत्तर दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद है। जिसके बाद मौसम की स्थिति में मामूली सुधार देखी जा सकती है।
हालांकि, उच्च नमी और पहाड़ी इलाका होने के कारण, कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश की गतिविधियां आगे भी प्रभावित करती रहेगी।
Image credit: Skymet Weather
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