विदर्भ और मराठवाड़ा में शुष्क मौसम का दौर उम्मीद के मुताबिक खत्म हुआ है। इस समय एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम की तरफ बढ़ते हुये दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश और उससे सटे विदर्भ क्षेत्र के ऊपर स्थित है। इसके प्रभाव से मध्य प्रदेश के दक्षिणी जिलों और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में अधिकांश जगहों पर मध्यम से भारी बारिश हो रही है। बीते 24 घंटों के दौरान नागपुर में 48 मिमी, वर्धा में 59 मिमी, अमरावती में 32 मिमी, अकोला में 31 मिमी, यवतमाल में 27 और ब्रह्मपुरी में 24 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
स्काइमेट के अनुसार इन भागों में अगले 24 घंटों तक मूसलाधार वर्षा जारी रहने के आसार हैं। 24 घंटों के बाद वर्षा की तीव्रता कम हो जाएगी लेकिन कई जगहों पर मध्यम बौछारें अगले 2 दिनों तक बनी रहने की संभावना है।
इस समय देश में बारिश के मामले में सबसे पीछे मराठवाड़ा ही है, जहां औसत से 58% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। हालांकि सूखे से बेचैन मराठवाड़ा के जिलों में भी सोमवार को कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा कुछ राहत लेकर आई। यहाँ बारिश की तीव्रता में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी होगी और 6 अगस्त तक कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। इस बदले हुए मौसम से उम्मीद है कि मराठवाड़ा में भी बारिश की कमी के आंकड़ों में सुधार आएगा और राज्य के लोगों के साथ साथ कृषि को भी इससे लाभ मिलेगा।
इससे पहले जून के अंत तक महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में सामान्य से लगभग डेढ़ गुना (52% अधिक) अधिक बारिश दर्ज की गई थी लेकिन मराठवाड़ा जून में भी पीछे था जहां जून में जितनी बारिश होती उससे लगभग 17% कम वर्षा दर्ज की गई थी। मध्य भारत में मॉनसून 2015 का प्रदर्शन सामान्य से काफी अधिक रहा है। लेकिन इस ज़बरदस्त मॉनसून का कोई विशेष असर मध्य भारत से सटे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में देखने को नहीं मिला है।
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