उत्तराखंड में सोमवार की शाम से बारिश की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। स्काइमेट के अनुसार उत्तर भारत के इस पर्वतीय राज्य में 7 और 8 जुलाई को भीषण वर्षा दर्ज की जा सकती है। मूसलाधार वर्षा के चलते राज्य में बाढ़ और भूस्खलन का भी खतरा पैदा हो सकता है।
इस समय मॉनसून रेखा का पश्चिमी सिरा हिमालय की तराई के करीब बना हुआ है। इसके अलावा उत्तर भारत में एक पश्चिमी विक्षोभ भी पहुँचने वाला है जो इस समय उत्तरी पाकिस्तान पर है और धीरे-धीरे जम्मू कश्मीर की तरफ बढ़ रहा है। पश्चिमी विक्षोभ, मॉनसून की अक्षीय रेखा के साथ मिलकर उत्तर भारत के अधिकांश भागों में बारिश की गतिविधियों को बढ़ाएगा लेकिन इस समय अक्षीय रेखा उत्तराखंड के सबसे करीब है जिसके चलते राज्य में सबसे ज़्यादा बारिश की आशंका है।
7 और 8 जुलाई की मूसलाधार बारिश के बाद उत्तराखंड में बारिश की गतिविधि कम हो जाएगी लेकिन कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा जारी रहेगी जो कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए समस्या उत्पन्न कर सकती है। बारिश के कारण भूस्खलन या बाढ़ जैसी स्थितियों की संभावना को देखते हुये पर्याप्त और उपयुक्त उपाय किए जाने चाहिए ताकि किसी भी अनहोनी को टाला जा सके।
उत्तरखंड में इससे पहले 28 जून को भारी बारिश हुई थी। उससे बाद से राज्य में कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश जारी है। हालांकि पिछले दिनों से जारी वर्षा की गतिविधियां अधिक नहीं थी जिसके चलते इससे जान माल पर कोई खतरा अब तक नहीं था। लेकिन 6 से 8 जुलाई के दौरान होने वाली भारी बारिश की गतिविधियां राज्य के कई भागों के लिए चुनौती बनकर उभर सकती है।
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