उत्तर प्रदेश में मॉनसून आमतौर पर 15 जून के आसपास पहुंचता है और पहुँचने के लगभग एक सप्ताह के भीतर पूरे राज्य में दस्तक दे देता है। लेकिन इस वर्ष मॉनसून का पूर्वी छोर लगभग 2 हफ्तों के लिए सुस्त रहा और इसके आगे बढ़ने की गति ढीली रही। मॉनसून की पहली बारिश उत्तर प्रदेश में लगभग एक सप्ताह की देरी से पूर्वी हिस्सों में 23 जून से शुरू हुई। इसके बाद राज्य के सभी भागों में मॉनसून महज़ 24 घंटों के भीतर पहुँच गया। जून के तीसरे सप्ताह तक राज्य में हल्की बारिश दर्ज की गई थी।
15 जून तक राज्य के पूर्वी और पश्चिमी दोनों भागों में बारिश का आंकड़ा औसत से काफी नीचे था। पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत से 72% कम और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 60% कम वर्षा दर्ज की गई थी। मॉनसून के और आगे बढ़ने से स्थितियों में कुछ बदलाव तो आया लेकिन बारिश में कमी के आंकड़ों में कोई खास सुधार नहीं हुआ। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 25 जून तक भी कोई बदलाव देखानो को नहीं मिला और बारिश में कमी का आंकड़ा 59% पर बना रहा। जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों की अच्छी बारिश के चलते यह आंकड़ा घटकर 15% पर आ गया।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्षा में सुधार जून के अंत में देखने को मिला। 29 जून को औसत से कम बारिश का आंकड़ा 59% से घटकर 22% पर आ गया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बारिश की गतिविधियों के चलते वर्षा के आंकड़ों और सुधार हुआ, और यह सामान्य के आसपास पहुँच गया। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य में अच्छी बारिश दर्ज की गई। कुछ जगहों पर भारी वर्षा भी हुई है जिससे जून में औसत बारिश के आंकड़ों में सुधार देखा गया। बरेली में पिछले 24 घंटों के दौरान 118 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई जबकि राजधानी लखनऊ में 56 मिमी और गोरखपुर में 17 मिमी वर्षा दर्ज हुई। अच्छी वर्षा के इस दौर से जून में उत्तर प्रदेश में बारिश का आंकड़ा सामान्य या सामान्य से अधिक दर्ज हो सकता है।
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