उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र बीते 48 घंटों से भीषण मॉनसूनी बारिश का केंद्र बने हुए थे। मॉनसून की अक्षीय रेखा बीते तकरीबन एक सप्ताह से ही हिमालय के तराई क्षेत्रों में है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों के साथ-साथ नेपाल में भी भारी बारिश हो रही है। पिछले दिनों की भारी बारिश के चलते महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया सहित आसपास के हिस्सों में कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
हालांकि अब मॉनसून की अक्षीय रेखा कमजोर हो रही है जिसके चलते कई इलाकों में बारिश घट गई है। लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान गोरखपुर में बारिश 180 मिलीमीटर की भीषण बारिश दर्ज की गई। बहराइच में भी 36 मिलीमीटर की भारी वर्षा दर्ज की गई। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून की अक्षीय रेखा अब कमजोर हो गई है। मॉनसून ट्रफ दक्षिण में भी आ सकती है जिससे उत्तर प्रदेश में अगले 24 घंटों में बारिश में व्यापक कमी आएगी।
फिलहाल महाराजगंज जिलें में 40 घंटे से लगातार बारिश को देखते देखते हुए जूनियर हाईस्कुल तक के सभी स्कूलों को कल से बंद कर दिया गया है। नेपाल में भारी बारिश की वजह से यूपी के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार नेपाल से नारायणी नदी में 3.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसका असर उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है।
राप्ती और रोहिन नदियां भी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। स्थानीय प्रशासन ने नदी के किनारे बसे सभी गांव को बाढ़ के प्रति लेकर सतर्क कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार जिला प्रसाशन ने बाढ़ राहत के लिए 22 चौकियां बनाई हैं। सभी अधिकारीयों की छुट्टी को भी रद्द कर दिया गया है। बाढ़ को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम भी जिले में पहुंची हुई हैं।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून ट्रफ के कमजोर होने से बारिश सभी भागों में कम हो जाएगी। बारिश में कमी के बावजूद नदियों के जलस्तर में जल्द कमी नहीं आएगी जिससे बाढ़ की चुनौती बनी रहेगी। इस बीच गोरखपुर, बहराइच, महराजगंज, गोंडा, बस्ती, बरेली सहित कई इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा कुछ स्थानों पर अगले 24 से 48 घंटों तक जारी रह सकती है। झाँसी, आगरा और अलीगढ़ सहित दक्षिण और पश्चिमी राज्यों में मुख्यतः शुष्क मौसम के आसार हैं। लखनऊ, वाराणसी और इलाहाबाद में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
Image credit: Subgurunews
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