एक के बाद एक बन रहे निम्न दवाब क्षेत्र मॉनसून को सक्रिय बनाए हुए है। इससे मॉनसून की वापसी में भी देरी हो रही है।
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र जो आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटीय भागों पर बना हुआ है, इसके आज यानि 18 सितम्बर के रात तक निम्न दवाब क्षेत्र बनने की संभावना है। यह निम्न-दवाब क्षेत्र तेजी से महाराष्ट्र की ओर बढ़ेगा और मध्य महाराष्ट्र के भागों पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के साथ मिल जाएगा।
देश भर के मौसम का हाल
हालांकि, इस मौसमी प्रणाली के पश्चिमी दिशा की ओर बढ़ने के कारण भारी से अति भारी बारिश की संभावना नहीं है। लेकिन, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ और मराठवाड़ा के हिस्सों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश के साथ ज्यादातर स्थानों पर मध्यम बारिश होने की उम्मीद है।
दोनों प्रणाली के आपसी विलय के बाद, यह चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वोत्तर अरब सागर की ओर आगे बढ़ेगा और निम्न दवाब क्षेत्र के रूप में तेज हो जायेगा। इसके कारण उत्तरी मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कोंकण व गोवा सहित मुंबई और दक्षिणी गुजरात के हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान है।
पश्चिमी दिशा की ओर आगे बढ़ते हुए यह सिस्टम 23 सितंबर के आसपास एक डिप्रेशन में बदल सकता है और भारतीय तट से दूर चला जाएगा।
जिसके बाद उत्तरी महाराष्ट्र और गुजरात के हिस्सों में बारिश की गतिविधियों के संदर्भ में इसका प्रभाव धीरे-धीरे कम हो जाएगा क्योंकि यह पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए ओमान तट की ओर चला जायेगा।
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एक और निम्न दवाब क्षेत्र 22 या 23 सितंबर के आसपास बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी में विकसित होने की उम्मीद है। यह सिस्टम उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ सकता है और अब तक के मौसमी संकेत के मुताबिक, यह 24 सितंबर के आसपास गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तर ओडिशा और झारखंड को प्रभावित कर सकता है। इन क्षेत्रों में 24 से 26 सितंबर के बीच मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश की संभावना है।
Image credit: DNA India
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