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[Hindi] दिल्ली-एनसीआर पर अचानक छाया घना कोहरा, कुछ समय के लिए ठंडी हवाओं से काँपे लोग

February 20, 2021 1:54 PM |

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के मैदानी भागों में आमतौर पर दिसंबर और जनवरी के महीनों में घना कोहरा देखने को मिलता है। लेकिन इस साल की सर्दी में यानी 2020-21 की सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर में काफी कम घना कोहरा रहा और दिसंबर महीने में मात्र 1 दिन ऐसा था जब 1 घंटे के लिए पालम हवाई अड्डे पर दृश्यता घटकर शून्य पर पहुंची थी। जनवरी महीने में भी लंबे समय तक या कई दिनों तक घना कोहरा इस साल नहीं दिखा जिससे दिल्ली में हवाई यातायात पर कोहरे का दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला।

फरवरी महीने में दिल्ली-एनसीआर में कोहरे की संभावना और कम होने लगती है और दूसरे पखवाड़े से अधिकांश जगहों पर कोहरा बहुत कम होता है। हालांकि फरवरी महीने के शुरुआती 10 दिनों तक इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे यानी पालम क्षेत्र में बेहद घना कोहरा आमतौर पर देखने को मिलता है। दिल्ली के पालम स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फरवरी महीने में औसतन 12 घंटे की अवधि के लिए घना कोहरा देखा जाता है। इस साल फरवरी महीने में ज्यादा कोहरा रहा और 19 फरवरी तक पालम हवाई अड्डे पर 13 घंटों से अधिक समय तक देखने को मिला।

इस बीच उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में दिन का तापमान ज्यादातर जगहों पर सामान्य से ऊपर चल रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी पिछले कई दिनों से अधिकतम तापमान औसत से ज्यादा बना हुआ है जिसके कारण गर्मी जैसा मौसम लोगों को महसूस हो रहा है। यही नहीं न्यूनतम तापमान भी बढ़ा है और दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर पश्चिम भारत के शहरों में न्यूनतम तापमान औसत या औसत से ऊपर रिकॉर्ड किया जा रहा है।

भारत के शहरों में तापमान में वृद्धि के लिए कमजोर उत्तर-पश्चिमी हवाओं को जिम्मेदार माना जा रहा है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कमजोर होने के कारण वातावरण में पूर्वी हवाओं का प्रभाव है। जब भी पूर्वी हवाएँ चलती हैं तापमान बढ़ जाता है और यही स्थिति समय देखने को मिल रही है। इसके अलावा फरवरी महीने में दिल्ली एनसीआर में ठीक-ठाक बारिश होती है लेकिन इस बार अच्छी बारिश फिलहाल अब तक नहीं हुई है।

हवाओं की गति कम होने के कारण प्रदूषण भी हवाओं में सामान्य से ज्यादा है। स्थानीय स्तर पर उठने वाला प्रदूषण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसमान पर वायुमंडल में निचली सतह पर बना रह रहा है जिसके कारण न सिर्फ वायु गुणवत्ता खराब हो रही बल्कि में सर्दी में भी कमी आ रही है। तापमान में वृद्धि के लिए कुछ हद तक प्रदूषण में वृद्धि को भी जिम्मेदार माना जा सकता है।

Image credit: DNA India

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