[Hindi] बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से समूचे गंगा के मैदानी भागों में फसलों को नुकसान

March 14, 2016 5:00 PM | Skymet Weather Team

उत्तर भारत के मैदानी भागों में बीते चार दिनों से बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से किसानों के माथे पर बल पड़ गए हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मध्यम बारिश और तेज़ हवाओं के साथ कई जगहों पर ओलावृष्टि हुई है।

इस समय खड़ी फसल के लिए बारिश लाभदायक हो सकती है लेकिन तेज़ हवा के झोंकों और ओलावृष्टि ने पंजाब और हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश तक के कई भागों में गेहूं, सरसों और धनिया सहित अनेक फसलों को नुकसान पहुंचाया है।

उत्तर भारत में प्रायः आने वाला पश्चिमी विक्षोभ इस समय आमतौर पर मौसम को बदलता है लेकिन वर्तमान सिस्टम काफी सशक्त था और इसके आगे बढ़ने की गति भी अपेक्षाकृत धीमी थी जिसके चलते इसने कई दिनों तक मौसम को प्रभावित किया। इसके साथ मैदानी भागों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी पहुंचा था। इन दोनों मौसमी सिस्टमों ने उत्तर से लेकर देश के मध्य और पूर्वी राज्यों में अच्छी बारिश दी है।

गंगा के मैदानी भागों में फसलें परिपक्व होने की अवस्था में हैं। कटाई से कुछ ही समय पहले हुई इस बारिश और ओलावृष्टि के चलते फसलों को काफी नुकसान हुआ है। अब मौसम बदल रहा है और अगले कुछ दिनों तक आसमान साफ और मौसम शुष्क रहने की संभावना है। लेकिन 17 से 19 मार्च के बीच हिमालय की तराई से सटे पंजाब के कुछ भागों और इससे सटे हरियाणा में फिर से बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं जो किसानों के लिए चुनौती होगी।

विदर्भ, तेलंगाना और कर्नाटक में भी आने वाले दिनों में बारिश की संभावना है लेकिन आगामी वर्षा इतनी तीव्र नहीं होगी जिससे फसलों को अधिक नुकसान हो। इससे पहले मध्य भारत में बने कई मौसमी सिस्टमों के चलते महाराष्ट्र में पहले ही अच्छी बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हो चुका है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत के मैदानी भागों में इस माह के अंत में फिर से बारिश का एक झोंका आएगा। आशंका इस बात की है कि 27 मार्च से होने वाली बारिश फसलों के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है, क्योंकि कटाई-मड़ाई का समय काफी नजदीक होगा। इससे पहले 21 से 26 मार्च के बीच उत्तर भारत के मैदानी भागों में मौसम साफ और शुष्क रहेगा।

Image credit: dailymail.co.uk

 

 

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