जबकि सर्दियों की ठंड आमतौर पर जनवरी में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बढ़ जाती है, इस साल एक आश्चर्य की पेशकश करने के लिए तैयार है। 1 से 3 जनवरी के बीच इन राज्यों के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश होने का अनुमान है, जिससे मौसम में बदलाव आएगा और मिट्टी की नमी बढ़ेगी।
इस मौसम संबंधी बदलाव को दो पवन प्रणालियों के संगम के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। निचले स्तर की पूर्वी हवाएँ अपने उत्तर-पश्चिमी समकक्षों से मिलेंगी, जिससे वर्षा के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनेंगी। इसके अतिरिक्त, उत्तर पश्चिम भारत पर बना एक चक्रवाती परिसंचरण बंगाल की खाड़ी से आने वाली आर्द्र हवाओं के साथ संपर्क करेगा, जिससे बारिश की संभावना और बढ़ जाएगी।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, उमरिया, शहडोल और सिंगरौली जिलों में सबसे अधिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में भी 2 से 4 जनवरी के बीच बारिश हो सकती है।
अच्छी खबर यह है कि बारिश हल्की और व्यापक होने की उम्मीद है, जिससे बाढ़ या व्यवधान का खतरा नहीं होगा। हालाँकि, इससे मिट्टी की नमी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जो आगामी कृषि चक्रों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
बादलों के बढ़ने और ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण जहां न्यूनतम तापमान बढ़ सकता है, वहीं अधिकतम तापमान में थोड़ी गिरावट होने की उम्मीद है। यह सामान्य सर्दियों की ठंड से सुखद राहत प्रदान करता है, जिससे क्षेत्र को गर्मी और नमी दोनों मिलती है।
5 जनवरी तक बारिश ख़त्म हो जाएगी। तो, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, जनवरी के एक अनूठे आश्चर्य के लिए कमर कस लें।