बाढ़ वाले राज्य मध्य प्रदेश में मॉनसून की बारिश पिछले कई दिनों से अलविदा कहने का नाम नहीं ले रही है। आम तौर पर, इस समय तक मॉनसून की बारिश राज्य में कम होने लगती है। हालांकि, इस बार बारिश अब तक जारी है, वह भी काफी तीव्रता के साथ। पिछले 24 घंटों के दौरान, उज्जैन शहर में 109 मिमी की मूसलाधार बारिश दर्ज हुई है।
पहले से ही शिप्रा और चंबल नदियां उफान पर थी और अब इन बारिशों के बाद और तेजी से बढ़ रही हैं। इसके अलावा, नदियों पर बने छोटे बांधों को अपने फाटकों को खुला रखना पड़ता है ताकि अतिरिक्त वर्षा जल भंडारण और कटाई से बचा जा सके। यह आगे नदियों में जल स्तर को बढ़ा रहा है। पानी पहले से ही कई छोटे पुलों से बह रहा है।
अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो, इस मौसम के दौरान, उज्जैन में कल यानि 13 सितंबर को अधिक वर्षा हुई है। इस जिले में 772.7 मिमी के सामान्य बारिश के मुकाबले अब तक कुल 1176.7 मिमी बारिश दर्ज हुई है जो लगभग 52 प्रतिशत अधिक बारिश की ओर संकेत कर रहा है। पिछले 24 घंटों में, जिलों में 3.4 मिमी सामान्य दैनिक बारिश के मुकाबले औसतन 44.2 मिमी बारिश हुई है।
इस समय एक निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तरी मध्य प्रदेश और उससे सटे राजस्थान के भागों पर बना हुआ है। इसके अलावा, मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तरी राजस्थान से निम्न दवाब क्षेत्र होते हुए पूर्वोत्तर राज्यों तक जा रही है। साथ ही, कच्छ में बना ट्रफ रेखा भी अब निम्न दवाब की ओर बढ़ते हुए मॉनसून की अक्षीय रेखा के साथ मिल रही है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, शहर में बारिश की गतिविधियां अगले 24 घंटों तक जारी रहने की संभावना है। कल यानि 15 सितंबर के सुबह के बाद बारिश में काफी कमी आ जाएगी।
उज्जैन मध्य प्रदेश का पांचवा सबसे बड़ा शहर है और हिंदू तीर्थ स्थलों में से सबसे महत्वपूर्ण है, जो सदियों पुराने महाकालेश्वर मंदिर के लिए जाना जाता है।
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पश्चिमी मध्य प्रदेश में इस मॉनसून के मौसम के दौरान कई बार भारी मॉनसून की बारिश रिकॉर्ड हुई है। एक महीने से अधिक समय से राज्य के कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति देखी जा रही है।
Image Credit: DNA India
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