मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी हिस्सों तथा उससे सटे दक्षिणी उत्तर प्रदेश के भागों पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र स्थिर है। जबकि, मॉनसून की अक्षीय रेखा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के मध्य भाग होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है।
इस चक्रवाती क्षेत्र के पश्चिमी दिशा की में आगे बढ़ने की उम्मीद है। जबकि, मॉनसून ट्रफ का पश्चिमी छोर दक्षिणी दिशा में आगे बढ़ सकता है जिसके कारण राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी भागों में बारिश देखने को मिल रही है।
राज्य के उदयपुर, माउंट आबू, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा, बारां, भरतपुर, अलवर, दौसा सहित राजधानी जयपुर में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश की उम्मीद है। इस दौरान क्षेत्र में बारिश की तीव्रता हल्की से मध्यम रहेगी। इन क्षेत्रों के अलावा, उदयपुर और माउंट आबू में भी कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, आगामी बारिश पूर्वी राजस्थान में ज्यादा देखी जाएगी तथा 25 अगस्त से अगले दो-दिनों तक जारी रहेगी।
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जून 1 से 23 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बारिश 31 प्रतिशत अधिक रिकॉर्ड हुई है। बारिश के मामले में पूर्वी राजस्थान राज्य का सबसे अच्छा प्रदर्शन क्षेत्र है क्योंकि इस क्षेत्र में वर्षा की मात्रा 42 प्रतिशत अधिक है। पश्चिम राजस्थान ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है क्योंकि यहां अधिशेष 11 प्रतिशत है। मॉनसून सीज़न के दौरान राजस्थान अब तक देश के सबसे अच्छे प्रदर्शन वाले हिस्सों में से एक रहा है।
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